24 घंटे में होगा शेख हसीना के भाग्य का फैसला, मिलेगी जिंदगी या मौत, कोर्ट सुनाएगा फैसला

ढाका। बांग्लादेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ आज अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल का बड़ा फैसला आने वाला है। यूनुस सरकार ने अदालत से हसीना के लिए मौत की सजा की मांग की है, जिसके बाद पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। राजधानी ढाका समेत कई संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। माना जा रहा है कि फैसला आने के बाद देश में माहौल बिगड़ सकता है, इसी वजह से सुरक्षा तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई हैं।
78 वर्षीय शेख हसीना पर पिछले साल एंटी-गवर्नमेंट प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध करवाने के आरोप हैं। इन्हीं आरोपों पर आज ICT-BD विशेष ट्रिब्यूनल अपना फैसला सुनाने वाला है। यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जुलाई 2024 के “जुलाई विद्रोह” को काबू करने की कार्रवाई में 1,400 तक लोग मारे गए थे। इन्हीं घटनाओं को लेकर हसीना और उनकी टीम को जिम्मेदार ठहराया गया है। ट्रिब्यूनल ने 28 कार्यदिवसों तक चली सुनवाई में 54 गवाहों के बयान दर्ज किए और 23 अक्टूबर को केस की सुनवाई पूरी की।
पूर्व मंत्री और पुलिस प्रमुख भी आरोपी
हसीना के साथ उनके गृह मंत्री रहे आसदुज्जमान खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिदेशक चौधरी अब्दुल्लाह अल-मामून पर भी हत्या, हत्या के प्रयास, यातना जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। दिलचस्प बात यह है कि आईजीपी मामून अब सरकारी गवाह बन चुके हैं। वही एकमात्र प्रमुख अधिकारी हैं जिन्होंने अदालत में पेश होकर गवाही दी।
भारत में रह रहीं हसीना, प्रत्यर्पण की मांग लंबित
5 अगस्त 2024 को छात्र-नेतृत्व वाले भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद वे बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं। यूनुस सरकार ने भारत से उनके प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन भारत की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। कमाल ने भी कथित तौर पर पड़ोसी देश में शरण ली है।
हसीना के समर्थक पूरे मामले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं। उन्होंने कई इंटरव्यू में ICT-BD को “कंगारू कोर्ट” कहा है और दावा किया है कि यह पूर्ण रूप से राजनीतिक विरोधियों के हाथ में है। वहीं अवामी लीग ने हेग स्थित ICC में यूनुस सरकार के खिलाफ मानवता विरोधी अपराधों की याचिका दाखिल की है। दूसरी ओर, यूनुस सरकार ने ICT-BD के कानून में संशोधन कर पूर्व सत्ता में रहे नेताओं को ट्रायल के दायरे में लाने का रास्ता साफ किया।
देशभर में तनाव का माहौल है और लोग फैसले का इंतजार कर रहे हैं। अगर अदालत हसीना को मृत्युदंड सुनाती है, तो बांग्लादेश में बड़ा राजनीतिक भूचाल आ सकता है। सुरक्षा एजेंसियां किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैनात कर दी गई हैं।







