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दिल्ली ब्लास्ट का बड़ा खुलासा: लाल किले के पास विस्फोट से पहले 40 मिनट तक खड़ी रही i20, उमर के पैनिक में ब्लास्ट करने की आशंका

नई दिल्ली। 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए भीषण धमाके की जांच में हर घंटे नए राज सामने आ रहे हैं। इस ब्लास्ट में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। पुलिस और जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, धमाके में इस्तेमाल हुई हुंडई i20 कार में करीब 80 किलो विस्फोटक भरा हुआ था। हालांकि, कार से कोई डेटोनेटर या टाइमर डिवाइस नहीं मिला।

उमर ने घबराकर खुद कर दिया विस्फोट

जांच एजेंसियों का मानना है कि फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े साथियों की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही डॉ. उमर ने घबराहट में कार को खुद ही उड़ा दिया। फिलहाल जांच शुरुआती चरण में है, लेकिन एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में कई और अहम खुलासे हो सकते हैं।

फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा बड़ा लिंक

फरीदाबाद के धौज गांव में डॉ. मुजम्मिल ने एक कमरा किराए पर लिया था। उसने दो महीने का किराया एडवांस में जमा किया और दो दिन बाद वहां *एक्सप्लोसिव और अन्य सामग्री रखी। मुजम्मिल ने मकान मालिक से घर का पिछला कमरा मांगा था ताकि किसी को उसकी गतिविधियों पर शक न हो। आसपास के लोगों को उसने बताया था कि उसके साथ आने वाले लोग यूनिवर्सिटी के छात्र हैं।

धमाके से पहले लाल किले के पास 40 मिनट तक खड़ी रही कार

CCTV फुटेज में खुलासा हुआ है कि धमाके से पहले i20 कार अरुणा आसफ अली रोड पर करीब 30 से 40 मिनट तक खड़ी रही। इस दौरान उमर कार में अकेला बैठा था। उसका मोबाइल फोन 31 अक्टूबर से बंद है, और आखिरी लोकेशन फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के पास मिली थी। जांच टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या उमर ने जानबूझकर बिना फोन के दिल्ली आने की योजना बनाई थी या फिर ब्लास्ट में उसका फोन भी नष्ट हो गया।

अल फलाह यूनिवर्सिटी में पूछताछ

फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में साउथ कश्मीर के 10 छात्रों से पूछताछ चल रही है। इनमें से ज्यादातर छात्रों के पास अपनी गाड़ियां हैं। वहीं, दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के खुर बटपोरा निवासी डॉक्टर तजामुल को बीती रात श्रीनगर से हिरासत में लिया गया है। वह SMHS अस्पताल, श्रीनगर में कार्यरत था।

मृतकों की पहचान हुई

अब तक 8 शवों की पहचान कर परिजनों को सौंपा जा चुका है। मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है

1. अमर कटारिया (35 वर्ष)
2. अशोक कुमार (34 वर्ष)
3. मोहसिन मलिक (35 वर्ष)
4. दिनेश कुमार मिश्रा (35 वर्ष)
5. लोकेश कुमार अग्रवाल (52 वर्ष)
6. पंकज सैनी (23 वर्ष)
7. मोहम्मद नौमान (19 वर्ष)
8. मोहम्मद जुम्मन (35 वर्ष)

धमाके के बाद दिल्ली पुलिस, NIA और IB की टीमें हर एंगल से जांच में जुटी हुई हैं। जांच एजेंसियों का फोकस अब यह पता लगाने पर है कि दिल्ली लाने से पहले यह विस्फोटक कहां और किसके पास तैयार किया गया था।

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