गैरसैंण में वंदे मातरम के 150 वर्ष पर भव्य प्रभात फेरी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने किया नेतृत्व

गैरसैंण | संवाददाता रिपोर्ट
वंदे मातरम गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के ऐतिहासिक अवसर पर शुक्रवार को उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की अगुवाई में गैरसैंण में भव्य प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न कॉलेजों और स्कूलों के छात्र-छात्राओं, स्थानीय नागरिकों और कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रभात फेरी के दौरान वंदे मातरम और भारत माता के जयघोष से पूरा क्षेत्र राष्ट्रभक्ति की भावना से गूंज उठा।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत माता के सम्मान, स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति का शाश्वत मंत्र है। उन्होंने कहा कि इस गीत ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान करोड़ों भारतीयों के भीतर अदम्य साहस और एकता की भावना का संचार किया।उन्होंने युवाओं और छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि “आज जब हम वंदे मातरम के 150 वर्ष मना रहे हैं, यह हमारे लिए अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण, कर्तव्य और जिम्मेदारी को पुनः स्मरण करने का अवसर है।
वंदे मातरम का गौरवशाली इतिहास
वंदे मातरम की रचना 1875 में महान साहित्यकार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने की थी। यह गीत उनकी प्रसिद्ध कृति ‘आनंदमठ’ में शामिल है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वंदे मातरम ने राष्ट्रभक्ति की ज्योति प्रज्वलित की और यह गीत क्रांतिकारियों तथा जनता के लिए प्रेरणा-स्रोत बन गया।
1937 में इसे कांग्रेस कार्यसमिति ने राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया, और 1950 में भारतीय संविधान सभा ने इसे आधिकारिक राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया।गैरसैंण में आयोजित इस प्रभात फेरी ने वंदे मातरम की इस 150 वर्ष पुरानी अमर गाथा को पुनः जीवंत कर दिया और जनमानस में राष्ट्रीय गर्व और एकता का संदेश प्रसारित किया।







