10 ML शराब पर 7 दिन की जेल, अदालत ने जताया आक्रोश, जानिए क्या कहा?

केरल के मंजेरी सत्र न्यायालय ने 10 मिलीलीटर शराब रखने के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं केवल “बनाना रिपब्लिक” में हो सकती हैं, न कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में। अदालत ने जांच अधिकारी को “अत्यधिक और संदिग्ध उत्साह” दिखाने के लिए फटकार भी लगाई।
यह मामला उस व्यक्ति से जुड़ा है जिसे 10 मिलीलीटर भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) रखने के आरोप में गिरफ्तार कर सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। न्यायालय ने माना कि आरोपी, जो पेशे से नाई है, संभवतः शराब की वह मात्रा अपने ग्राहकों के लिए आफ्टरशेव के रूप में उपयोग करता था।
न्यायाधीश के. सनील कुमार ने जांच अधिकारी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके से आने वाले व्यक्ति को “गंभीर अपराध में फंसाने” की कोशिश की गई। अदालत ने टिप्पणी की कि “जांच अधिकारी ने अपनी सीमाएं पार कीं और आरोपी को हिरासत में लेने के लिए असामान्य तत्परता दिखाई। ऐसी घटना का स्थान केवल किसी बनाना रिपब्लिक में हो सकता है, न कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में।”
अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि 10 मिलीलीटर शराब से जांच के लिए नमूने कैसे लिए जा सकते हैं और उनका परीक्षण कैसे संभव है। न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे मामलों में जांच अधिकारियों को विशेष रूप से संवेदनशील बनाया जाना चाहिए, खासकर जब आरोपी समाज के वंचित वर्ग से हो।
अदालत ने आरोपी को 10,000 रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही निर्देश दिया कि वह न तो गवाहों या साक्ष्यों से छेड़छाड़ करे और न ही किसी अन्य अपराध में शामिल हो। आरोपी की ओर से दलील दी गई थी कि आबकारी कानून के तहत व्यक्ति को तीन लीटर तक शराब रखने की अनुमति है, जिसके बाद अदालत ने उसे राहत दी।







