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लखनऊ बना ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को यूनेस्को ने ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ की सूची में शामिल किया है। इस सम्मान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लखनऊ की पाककला परंपरा की सराहना करते हुए विश्वभर के लोगों से इस शहर की विशिष्टता को जानने और यहां आने की अपील की। उन्होंने कहा कि लखनऊ जीवंत संस्कृति का प्रतीक है, जिसके मूल में उत्कृष्ट खानपान परंपरा रची-बसी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि लखनऊ को मिला यह सम्मान उसकी समृद्ध पाककला विरासत और भारत की खाद्य परंपराओं में उसके योगदान को वैश्विक मान्यता प्रदान करता है। शेखावत ने कहा कि यह उपलब्धि लखनऊ की वैश्विक पहचान को और ऊंचा उठाएगी तथा इसे जायके और संस्कृति के प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करेगी।

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने 31 अक्टूबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित 43वें महासम्मेलन में लखनऊ सहित 58 नए शहरों को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क’ (UCCN) में शामिल करने की घोषणा की। अब इस नेटवर्क में 100 से अधिक देशों के 408 शहर शामिल हो चुके हैं। लखनऊ को यह मान्यता ‘‘पाककला’’ श्रेणी में दी गई है।

यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘‘लखनऊ की समृद्ध पाककला विरासत को अब वैश्विक मंच पर पहचान मिली है।’’ वहीं, यूनेस्को इंडिया ने भी पोस्ट करते हुए कहा कि ‘‘गलावटी कबाब, अवधी बिरयानी, लखनवी चाट, गोलगप्पे और मक्खन मलाई जैसे व्यंजन लखनऊ को लजीज खाने का जन्नत बनाते हैं।

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने लखनऊ का नामांकन 31 जनवरी 2025 को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेजा था। इसके बाद भारत सरकार ने तीन मार्च को यूनेस्को को अंतिम डोजियर प्रस्तुत किया। 31 अक्टूबर को लखनऊ को औपचारिक रूप से ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ नेटवर्क में शामिल किया गया। राज्य सरकार ने कहा कि यह उपलब्धि लखनऊ की अवधी विरासत और स्थायी पाककला को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है।

पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि यूनेस्को की इस सूची में अब दुनियाभर के 70 शहर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ का चयन उसकी पाककला धरोहर और आतिथ्य परंपराओं को नई अंतरराष्ट्रीय पहचान देगा। वर्ष 2024 में लखनऊ में 82.74 लाख पर्यटक आए, जबकि 2025 के पहले छह महीनों में ही 70.20 लाख पर्यटक पहुंच चुके हैं।

लखनऊ की यह उपलब्धि उसकी नवाबी परंपरा, अवधी व्यंजनों और खानपान की विविधता का जीवंत प्रमाण है। अब तुंदे कबाबी से लेकर कुलचा-निहारी तक, लखनऊ का स्वाद विश्व मंच पर उत्तर प्रदेश की पहचान को और ऊंचा उठाएगा।

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