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कानपुर में घूसखोरी का अजब मामला, दरोगा से ही रिश्वत मांगने वाला अनुवादक रंगे हाथों गिरफ्तार

कानपुर में भ्रष्टाचार का एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां पुलिस विभाग में तैनात एक दरोगा से ही रिश्वत मांगी गई। वेतन विसंगतियों को दूर करने के नाम पर दरोगा से घूस मांगने वाले उर्दू अनुवादक को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

पांच हजार रुपये लेते पकड़ा गया अनुवादक

पुलिस कमिश्नर कार्यालय के प्रधान लिपिक शाखा में तैनात उर्दू अनुवादक महफूज अहमद को एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए बजरिया स्थित एक अस्पताल के सामने गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी गई।

दरोगा ने लगाया था ट्रैप

शिकायतकर्ता कल्याणपुर आवास विकास चौकी के उप निरीक्षक उदयपाल पांडेय ने बताया कि उनके वेतन में लंबे समय से विसंगतियां थीं। उन्होंने इस संबंध में पुलिस कमिश्नरेट के प्रधान लिपिक कार्यालय में आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जहां उनके पक्ष में आदेश आया, फिर भी वेतन सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने अवमानना याचिका दायर की।

इसी दौरान कार्यालय में कार्यरत अनुवादक महफूज अहमद ने वेतन सुधार के बदले पांच हजार रुपये की मांग रखी। उदयपाल ने इस रिश्वत की मांग को ठुकराते हुए 29 अक्टूबर को एंटी करप्शन थाने में शिकायत दर्ज कराई। टीम ने ट्रैप की योजना बनाई और शुक्रवार को जैसे ही महफूज ने नोट स्वीकार किए, उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

एसीपी का बयान

एसीपी कलक्टरगंज आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ऐसी कार्रवाईयां लगातार की जा रही हैं। किसी भी भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।

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