भारत में आजाद हूं, पर घर वापसी चाहूंगी,चुनाव लड़ने से रोका तो कयामत’, दिल्ली से शेख हसीना

अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा देकर भारत में रह रहीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का बड़ा बयान सामने आया है। रिपोर्टों के मुताबिक, हसीना इस समय दिल्ली में हैं और कुछ दिन पहले उन्हें सुरक्षाकर्मियों के साथ लोधी गार्डन में टहलते हुए देखा गया था। फरवरी 2025 में होने वाले आम चुनाव से पहले उन्होंने पहली बार खुलकर मीडिया से बातचीत की है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जल्द ही बांग्लादेश लौटने और सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही हैं। अब तक सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रख रही हसीना ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य व्यक्तिगत नहीं, बल्कि देशहित से जुड़ा है।
परिवार की याद में भावुक हुईं
शेख हसीना ने कहा कि वह दिल्ली में स्वतंत्र रूप से रह रही हैं, लेकिन अपने परिवार के अतीत को देखते हुए बेहद सतर्क हैं। उन्होंने 1975 के सैन्य तख्तापलट को याद किया, जिसमें उनके पिता और तीन भाइयों की हत्या कर दी गई थी। उस समय वह और उनकी बहन विदेश में थीं।
अवामी लीग फिर से राजनीति में लौटेगी
हसीना ने कहा कि उनकी पार्टी अवामी लीग एक बार फिर बांग्लादेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा, “मुद्दा मेरे या मेरे परिवार का नहीं, बल्कि बांग्लादेश के भविष्य का है। देश में संविधान के अनुसार शासन और राजनीतिक स्थिरता जरूरी है। कोई एक व्यक्ति या परिवार देश का भविष्य तय नहीं कर सकता।पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने देश लौटने की इच्छा जताई, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि वह तभी लौटेंगी जब बांग्लादेश में वैध सरकार होगी और कानून-व्यवस्था कायम रहेगी।
अगर अवामी लीग को रोका गया तो चुनाव का बहिष्कार होगा
उन्होंने कहा, “अगर 2026 के चुनाव में अवामी लीग को भाग लेने नहीं दिया गया, तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे। पार्टी पर लगाया गया प्रतिबंध न केवल गलत है, बल्कि सरकार के लिए भी नुकसानदायक है। अवामी लीग को करोड़ों लोग समर्थन करते हैं। अगर उन्हें वोट देने से रोका गया तो लोकतंत्र का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
उम्मीद है यूनुस सरकार समझदारी दिखाएगी
हसीना ने कहा कि उन्हें अपने समर्थकों पर भरोसा है और उम्मीद है कि मौजूदा यूनुस सरकार समझदारी से काम लेते हुए उनकी पार्टी को चुनाव लड़ने देगी। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि बांग्लादेश सरकार से उनका कोई औपचारिक संपर्क है या नहीं।
आपराधिक आरोपों पर सफाई
बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 2024 के छात्र प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को लेकर शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों का ट्रायल पूरा कर लिया है। अभियोजकों का आरोप है कि हसीना ने सुरक्षा एजेंसियों के जरिए विपक्षी कार्यकर्ताओं के अपहरण, टॉर्चर और हिरासत का आदेश दिया था। इस मामले पर 13 नवंबर को फैसला आने की संभावना है।हसीना ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा, “मुझे अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। यह एक पूर्व निर्धारित फैसला है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 15 जुलाई से 5 अगस्त 2024 के बीच हुए विरोध प्रदर्शनों में करीब 1,400 लोगों की मौत हुई थी और हजारों घायल हुए थे। इनमें ज्यादातर लोग सुरक्षा बलों की गोलीबारी में जख्मी हुए थे।
फरवरी 2025 में आम चुनाव
बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने अगले साल फरवरी में आम चुनाव कराने की घोषणा की है। हालांकि, अंतरिम सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और युद्ध अपराधों का हवाला देते हुए अवामी लीग की राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। मई 2025 में चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण भी निलंबित कर दिया था।शेख हसीना के ताज़ा बयान के बाद बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। उनके देश लौटने की संभावनाओं और आगामी चुनावों पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं।






