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कर्नाटक में वोट डिलीट घोटाला: SIT जांच में बड़ा खुलासा, साइबर सेंटर से 6000 वोटर्स के नाम हटाए गए

कर्नाटक में वोट चोरी के राहुल गांधी के आरोपों के बीच विशेष जांच दल (SIT) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। कलबुर्गी जिले के आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम डिलीट किए जाने के मामले की जांच कर रही CID की SIT को पता चला है कि यह काम एक स्थानीय साइबर सेंटर से किया गया था।

SIT के सूत्रों के अनुसार, कुल 6994 वोटर्स के नाम डिलीट करने का टारगेट दिया गया था, जिनमें से लगभग 6000 नाम वास्तव में हटा दिए गए। इस काम के लिए 4.8 लाख रुपये का भुगतान किया गया था, यानी एक वोटर का नाम डिलीट करने के लिए करीब 80 रुपये दिए गए।

जांच में यह भी सामने आया कि जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए, वे ज्यादातर दलित या अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित थे। SIT की जांच के अनुसार, दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 के बीच वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) तकनीक का उपयोग कर यह काम किया गया।

जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में वोट चोरी के आरोप लगाए थे, तब चुनाव आयोग ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा था कि केवल 24 नाम डिलीट किए गए थे और वे सभी वैध कारणों से हटाए गए थे।इस मामले में पहले मोहम्मद अशफाक नाम के एक व्यक्ति पर शक जताया गया था, जिससे पूछताछ के बाद उसे रिहा कर दिया गया था। फिलहाल वह दुबई में है और SIT टीम उसे भारत वापस लाने की प्रक्रिया में जुटी है।

17 अक्टूबर को SIT की टीम ने इस मामले में BJP के पूर्व विधायक सुभाष गुत्तेदार, उनके बेटों और चार्टर्ड अकाउंटेंट के घरों पर तलाशी ली थी। जांच के दौरान सात लैपटॉप और कई मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। पुलिस अब इन उपकरणों की फोरेंसिक जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वोट डिलीट करने की साजिश में और कौन शामिल था।

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