सीएम मोहन यादव ने दी ‘गोपाल’ नाम की नई व्याख्या, कहा– गलती से बोलते हैं गोपाल, असली अर्थ है सबका पालन करने वाला

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवान श्रीकृष्ण के नामों को लेकर एक बार फिर नई व्याख्या दी है। राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन में गोवर्धन पर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि लोग श्रीकृष्ण को ‘गोपाल’ नाम से गलती से पुकारते हैं, जबकि इस शब्द का अर्थ केवल ‘गाय पालने वाला’ नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “भगवान को किसी भी नाम से पुकारो, लेकिन दो चीजें उन्हें जीवनभर प्रिय रहीं—गांव की संस्कृति और ग्रामीण जीवन का सम्मान। उन्होंने मोर मुकुट धारण कर जीवनभर गांव के लोगों का मान बढ़ाया। जब कोई उन्हें गोपाल कहता था, तो उन्हें अपार आनंद मिलता था। लेकिन ‘गोपाल’ का अर्थ केवल गाय पालने वाला नहीं है, बल्कि वह पहचान है कि हम सब गोपाल हैं—सबके पालनकर्ता।”
पहले ‘माखन चोर’ कहने पर भी जताई थी आपत्ति
इससे पहले भी मुख्यमंत्री मोहन यादव भगवान श्रीकृष्ण को ‘माखन चोर’ कहे जाने पर आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि कृष्ण के समय माखन कंस के घर भेजा जाता था, और भगवान ने उस अन्याय के विरोध में बाल ग्वालों की टोली बनाई थी ताकि माखन दुश्मन तक न पहुंचे। यादव के अनुसार, यह उनका विद्रोह था, लेकिन समय के साथ हम इसे गलत अर्थ में ‘माखन चोर’ कहने लगे, जबकि यह शब्द भगवान के उद्देश्य को छोटा कर देता है।
उज्जैन से जुड़ाव और धार्मिक व्याख्याएं
सीएम मोहन यादव का संबंध उज्जैन से है, जहां श्रीकृष्ण ने सांदीपनि आश्रम में शिक्षा प्राप्त की थी। इसी कारण वे अक्सर धार्मिक कार्यक्रमों में कृष्ण के जीवन, उनके प्रतीकों और संदेशों की नई व्याख्या करते रहते हैं। गोवर्धन पर्व पर दिया गया उनका यह ताजा बयान अब एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है।