दीपावली पर देशभर में हुई रिकॉर्ड 6.05 लाख करोड़ की बिक्री, छोटे व्यापारियों की जोरदार वापसी

इस साल दीपावली पर देशभर में रिकॉर्ड तोड़ खरीदारी देखने को मिली। कारोबारी संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक, इस बार देश में कुल 6.05 लाख करोड़ रुपये की बिक्री हुई। इसमें से 5.40 लाख करोड़ रुपये उत्पादों की बिक्री से और 65,000 करोड़ रुपये सेवाओं के क्षेत्र से आए।
कैट ने मंगलवार को जारी बयान में बताया कि हाल ही में जीएसटी दरों में कमी और उपभोक्ताओं के बढ़े विश्वास ने इस रिकॉर्ड बिक्री में अहम भूमिका निभाई। संगठन ने यह आंकड़ा देशभर के 60 प्रमुख वितरण केंद्रों पर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर जारी किया, जिनमें राज्य की राजधानियों के साथ-साथ दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहर भी शामिल थे।
पिछले साल से 1.8 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि
कैट के अनुसार, पिछले साल दीपावली पर देश में 4.25 लाख करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी। इस साल 1.8 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई। खास बात यह रही कि कुल व्यापार में गैर-कॉरपोरेट और पारंपरिक बाजारों का योगदान 85 प्रतिशत रहा, जिससे यह साबित होता है कि ऑनलाइन खरीदारी के दौर में भी छोटे व्यापारी और स्थानीय बाजार मजबूती से लौट रहे हैं।
कौन-से क्षेत्र में कितनी बिक्री हुई
क्षेत्रवार बिक्री के आंकड़ों के अनुसार, राशन सामग्री और रोजमर्रा के सामान का हिस्सा 12 प्रतिशत रहा।सोना और आभूषणों की बिक्री लगभग 60,500 करोड़ रुपये (10 प्रतिशत) तक पहुंची।इलेक्ट्रॉनिक्स और बिजली उपकरण 8 प्रतिशत, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद 7 प्रतिशत, रेडिमेड कपड़े 7 प्रतिशत, उपहार 7 प्रतिशत, घरेलू सजावट 5 प्रतिशत, फर्नीचर और फर्निशिंग 5 प्रतिशत, मिठाई और नमकीन 5 प्रतिशत, कपड़ा एवं वस्त्र 4 प्रतिशत, पूजा सामग्री 3 प्रतिशत और फल-सूखे मेवे 3 प्रतिशत रहे।
सेवाओं से आया 65,000 करोड़ रुपये का कारोबार
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया ने बताया कि सेवाओं के क्षेत्र में पैकेजिंग, आतिथ्य, कैब सेवाएं, यात्रा, इवेंट मैनेजमेंट, टेंट सजावट, मानव संसाधन और आपूर्ति जैसे क्षेत्रों ने 65,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
जीएसटी में कटौती बनी बिक्री का बड़ा कारण
सर्वे में शामिल 72 प्रतिशत व्यापारियों ने कहा कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं, जूते, परिधान, कन्फेक्शनरी, घरेलू सजावट और टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों पर *जीएसटी दरों में कटौती* से बिक्री में बड़ा उछाल आया। स्थिर कीमतों ने उपभोक्ताओं को अधिक खर्च करने के लिए प्रेरित किया।
कैट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधि के कारण दीपावली के दौरान करीब 50 लाख अस्थायी नौकरियां पैदा हुईं। ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों ने कुल कारोबार का लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा अपने नाम किया।