अफगानिस्तान से पिटने के बाद अब भारत पर ठीकरा फोड़ने में जुटा इस्लामाबाद

नई दिल्ली। भारत के बाद अब अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान को सैन्य मोर्चे पर झटका दिया है। तालिबान लड़ाकों की जवाबी कार्रवाई से जनरल असीम मुनीर की पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पड़े, जिसके बाद दोनों देशों के बीच 48 घंटे का सीजफायर लागू किया गया है। हालांकि, अपनी इस नाकामी को छिपाने के लिए पाकिस्तान अब भारत पर आरोप लगाने में जुट गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया है कि अफगानिस्तान की हालिया सैन्य कार्रवाई के पीछे भारत का हाथ है। उनका कहना है कि तालिबान ने भारत के इशारे पर पाकिस्तान पर हमला किया।
टकराव की शुरुआत कैसे हुई
तनाव की शुरुआत तब हुई जब पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के अफगानिस्तान पर एयरस्ट्राइक कर दी। पाकिस्तान का निशाना था तहरीक-ए-तालिबान (TTP) का चीफ नूर वली महसूद, जिसके ठिकानों पर काबुल में हमला किया गया।इसी के जवाब में तालिबान ने पाकिस्तान की सीमाओं पर पलटवार किया, जिससे कई पाक सैनिक मारे गए। दिलचस्प बात यह है कि यह हमला उसी समय हुआ जब अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर थे।
संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बयान दिया- “तालिबान ने भारत के इशारे पर हमला किया। जब उनके विदेश मंत्री भारत में थे, उसी दौरान हमारे खिलाफ कार्रवाई हुई। हमें भी जवाब देना पड़ा।”
वहीं रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी अपने इंटरव्यू में कहा- “अफगान तालिबान के मौजूदा फैसले दिल्ली से स्पॉन्सर्ड हैं। मुत्ताकी भारत से लौटे हैं और अब काबुल दिल्ली का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा है।” आसिफ ने यहां तक कहा कि पाकिस्तान अब दो मोर्चों भारत और अफगानिस्तान से युद्ध के लिए तैयार है।
भारत का करारा जवाब
पाकिस्तान के इन आरोपों पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- “ये आरोप पूरी तरह बेतुके और निराधार हैं। पाकिस्तान अपनी विफलताओं का दोष दूसरों पर डालने का आदी हो चुका है।”
जायसवाल ने तीन बिंदु स्पष्ट किए —
1. पाकिस्तान लंबे समय से आतंकी संगठनों को पनाह और समर्थन देता आया है।
2. अपनी आंतरिक नाकामियों के लिए पड़ोसियों को दोष देना उसकी पुरानी आदत है।
3. पाकिस्तान इस बात से परेशान है कि अफगानिस्तान अब अपनी संप्रभुता का प्रयोग कर रहा है।