2047 तक ‘विकसित भारत’ का सपना साकार होगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि 21वीं सदी 140 करोड़ भारतीयों की है और वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ का सपना साकार हो जाएगा। आंध्र प्रदेश के कर्नूल में 13,430 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “जैसा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है, आज़ादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बन जाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि 21वीं सदी भारत की होगी।”
प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 16 महीनों में राज्य ने अभूतपूर्व विकास किया है। उन्होंने कांग्रेस पर बिजली क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया और कहा कि “कांग्रेस सरकार के समय देश में बिजली संकट आम बात थी। तब प्रति व्यक्ति बिजली खपत 1000 यूनिट से भी कम थी और गांवों में बिजली के खंभे तक नहीं थे। अब हर गांव में बिजली पहुंच चुकी है और खपत बढ़कर 1400 यूनिट हो गई है।”
मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल की उपलब्धियों पर जोर देते हुए कहा कि देश में बने रक्षा उपकरण अब भारत की ताकत बन चुके हैं। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि “इस अभियान में देश में निर्मित उपकरणों की शक्ति दिखाई दी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश में बन रहे रक्षा उत्पाद भारत के रक्षा निर्यात को और गति देंगे।
प्रधानमंत्री ने जिन 13,430 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, उनमें बिजली, रक्षा, रेलवे, सड़क, पेट्रोलियम और औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। प्रमुख परियोजनाओं में कर्नूल में 2,880 करोड़ रुपये की ट्रांसमिशन सिस्टम सुदृढ़ीकरण परियोजना, ओर्वाकल और कडप्पा में 4,920 करोड़ रुपये के औद्योगिक क्षेत्र, विशाखापत्तनम में 960 करोड़ रुपये का छह लेन ग्रीनफील्ड राजमार्ग और श्रीकाकुलम-अंगुल गैस पाइपलाइन (1,730 करोड़ रुपये) शामिल हैं। इन परियोजनाओं से लगभग 21,000 करोड़ रुपये का निवेश और एक लाख से अधिक रोजगार के अवसर बनने की संभावना है।मोदी ने कहा कि “विशाखापत्तनम को एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और कनेक्टिविटी का वैश्विक केंद्र बनाया जाएगा, जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को सेवाएं देगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने नांदयाल जिले के श्रीशैलम में श्री भ्रामरांबा मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। भाजपा सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पंचमुरलु (गाय के दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने मिश्रण) से रुद्राभिषेक किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी उपस्थित थे। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों और 52 शक्तिपीठों में से एक है, जहां दोनों एक ही परिसर में स्थित हैं।
मंदिर दर्शन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने श्री शिवाजी स्फूर्ति केंद्र का भी दौरा किया। इस स्मारक परिसर में छत्रपति शिवाजी की ध्यान मुद्रा में प्रतिमा और उनके चार प्रसिद्ध किलों प्रतापगढ़, राजगढ़, रायगढ़ और शिवनेरी के मॉडल बने हैं। यह केंद्र 1677 में शिवाजी की तीर्थयात्रा की स्मृति में स्थापित किया गया है।