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अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे की जांच से खुश नहीं हैं पायलट सुमित के पिता, सुप्रीम कोर्ट से न्यायिक जांच की मांग

एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के क्रैश हादसे के बाद, पायलट सुमित सभरवाल के पिता पुष्कराज सभरवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी जांच रिपोर्ट पक्षपाती और अधूरी है और उनके बेटे को गलत तरीके से हादसे का जिम्मेदार ठहराया गया। याचिका में हादसे की न्यायिक निगरानी में नई और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है।12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही यह विमान क्रैश हो गया। हादसे में 229 यात्री, 12 क्रू मेंबर और 19 लोग जमीन पर अपनी जान गंवा बैठे।

याचिका में कहा गया है कि रिपोर्ट में तकनीकी खराबियों को नजरअंदाज किया गया और हादसे के लिए पायलट को दोषी ठहराया गया। विशेष रूप से विमान के Ram Air Turbine (RAT) के अपने आप खुलने का उल्लेख किया गया, जो तब ही होता है जब विमान की बिजली या कंट्रोल सिस्टम फेल हो। याचिकाकर्ता का कहना है कि अगर तकनीकी सिस्टम में गड़बड़ी थी, तो पायलट को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है।पायलट संगठन Federation of Indian Pilots (FIP) ने भी याचिका का समर्थन किया है। संगठन का कहना है कि जांच रिपोर्ट में बोइंग 787 के सॉफ्टवेयर सिस्टम (CCS) और इलेक्ट्रिकल फॉल्ट की जांच नहीं की गई।

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि Cockpit Voice Recorder (CVR) की रिकॉर्डिंग मीडिया में लीक कर दी गई, जिससे झूठी कहानियां फैलाईं गईं और पायलट की छवि को नुकसान पहुंचा। पुष्कराज सभरवाल ने बताया कि उनका बेटा एक अनुभवी और ईमानदार पायलट था, जिसने 15,000 घंटे बिना गलती के उड़ान भरी।

पिता का आरोप है कि 30 अगस्त को जांच टीम के दो लोग बिना बताए उनके घर पहुंचे और हादसे के लिए पायलट को जिम्मेदार बताया। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि मामले की जांच रिटायर्ड जज की निगरानी में हो और सभी सरकारी अधिकारियों को जांच से अलग किया जाए।

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