अयोध्या दीपोत्सव 2025: 90 विदेशी कलाकार करेंगे रामलीला का मंचन, सांस्कृतिक विरासत को मिलेगा वैश्विक आयाम

अयोध्या। दीपोत्सव 2025 की तैयारियां अयोध्या में अपने चरम पर हैं। इस वर्ष 56 घाटों और मंदिरों पर लाखों दीपों की रोशनी से पावन नगरी अयोध्या जगमगाएगी। पारंपरिक और आधुनिक सजावट के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की भागीदारी इस बार के दीपोत्सव को और भव्य बनाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार एक अभूतपूर्व अंतरराष्ट्रीय रामलीला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की लीला का मंचन करेंगे।
कुल 90 विदेशी कलाकार इस वर्ष अयोध्या की धरती पर अपनी सांस्कृतिक परंपराओं के माध्यम से रामकथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेंगे। इस आयोजन से अयोध्या न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक पर्यटन का भी केंद्र बनेगी।
राम कथा पार्क में विभिन्न राज्यों की प्रसिद्ध रामलीलाओं के साथ विदेशी कलाकारों की विशेष प्रस्तुतियां होंगी। रूस से आए 15 कलाकार राम और सीता के स्वयंवर का मंचन करेंगे। थाईलैंड के 10 कलाकार शूर्पणखा प्रसंग, राम-लखन संघर्ष और राम-रावण युद्ध को अपनी पारंपरिक नृत्य शैली में पेश करेंगे। इंडोनेशिया के 10 कलाकार लंका दहन और अयोध्या वापसी के दृश्य को विशेष रूप से प्रस्तुत करेंगे।
नेपाल से आए 33 कलाकार इस बार पहली बार लक्ष्मण पर शक्ति प्रदर्शन का दृश्य मंचित करेंगे, जबकि पहले उनकी रामलीला मां सीता पर केंद्रित होती थी। श्रीलंका के 22 कलाकारों की टीम ‘रावणेश्वरा’ प्रसंग प्रस्तुत करेगी, जो श्रीलंका की सांस्कृतिक मान्यता को दर्शाएगा।
अयोध्या अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के सलाहकार और विशेष कार्याधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय रामलीला 17 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक आयोजित की जाएगी। उनके अनुसार, इस आयोजन का उद्देश्य न केवल रामलीला की परंपरा को जीवित रखना है, बल्कि भारतीय और वैश्विक संस्कृतियों के आदान-प्रदान को भी प्रोत्साहित करना है।
सूत्रों के मुताबिक, इस बार की रामलीला में पारंपरिक भारतीय वेशभूषा, आधुनिक लाइटिंग, आकर्षक सेट डिजाइन और विदेशी कलाकारों की भागीदारी इसे एक यादगार अनुभव बनाएगी। दीपोत्सव के दौरान लाखों दीपों से सजी अयोध्या विश्वभर में भारतीय संस्कृति की अद्भुत छटा बिखेरेगी