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उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों पर सरकारी सुविधाएं पाने वालों पर सख्ती, सरकार ने शुरू किया अभियान

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ उठाने वालों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर मिली शिकायत के बाद शासन ने सभी जिलों में जांच के निर्देश जारी किए हैं।

मुख्यमंत्री के विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बने आधार कार्ड, राशन कार्ड और परिवार रजिस्टरों की जांच की जाए। जांच में दोषी पाए जाने वालों के सभी दस्तावेज निरस्त किए जाएंगे और उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

धकाते ने बताया कि शिकायत में यह जानकारी दी गई थी कि राज्य के बाहर के कुछ लोग गलत जानकारी या फर्जी दस्तावेजों के सहारे उत्तराखंड में सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफिक) बदलाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसे देखते हुए सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में किसी भी स्थिति में डेमोग्राफिक बदलाव नहीं होने दिया जाएगा और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इसी के साथ पछवादून क्षेत्र में जनसंख्या संरचना में बदलाव की शिकायतों के बाद सरकार ने वहां भी विशेष जांच के आदेश दिए हैं। विकास नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले करीब 28 गांवों में हिंदू आबादी में गिरावट की बात सामने आई है। इस पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि क्षेत्र में रहने वाले लोगों का सत्यापन कर उनके राशन कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच की जाए, ताकि वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके।

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