असम में बदलती जनसंख्या पर बोले सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, कहा – हिंदू आबादी घटकर 40 प्रतिशत के करीब

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को राज्य की जनसंख्या में हो रहे बदलाव को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि असम में हिंदुओं की आबादी अब कुल जनसंख्या का लगभग 40 प्रतिशत रह गई है, जो मुस्लिम आबादी के लगभग बराबर है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ईसाई आबादी करीब 6 से 7 प्रतिशत है और यदि अन्य समुदायों को छोड़ दिया जाए, तो असम में हिंदू आबादी 40 प्रतिशत से अधिक नहीं बची है।
सरमा ने इस जनसांख्यिकीय बदलाव के लिए अवैध घुसपैठ को मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि वैष्णव संस्कृति का केंद्र और विश्व का सबसे बड़ा आबाद नदी द्वीप माजुली भी इस बदलाव से अछूता नहीं रहा, जहां मुस्लिम आबादी में 100 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह वृद्धि स्थानीय मुसलमानों की प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि का परिणाम नहीं, बल्कि घुसपैठियों के कारण हुई है।मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के ‘जनसांख्यिकी मिशन’ का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर घोषित यह पहल देश में जनसंख्या असंतुलन को लेकर एक निर्णायक कदम है।
सरमा के ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब असम में अवैध घुसपैठ और नागरिकता से जुड़े मुद्दे लंबे समय से राजनीतिक और सामाजिक बहस का विषय बने हुए हैं।2011 की जनगणना के अनुसार, असम में हिंदुओं की आबादी 61.47 प्रतिशत और मुस्लिमों की आबादी 34.22 प्रतिशत थी। मुख्यमंत्री के हालिया दावे से यह संकेत मिलता है कि बीते वर्षों में राज्य की जनसांख्यिकी में बड़ा बदलाव आया हो सकता है।