तालिबान मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को दूर रखने पर विवाद, भारत ने दी सफाई- कहा, हमारा कोई रोल नहीं

नई दिल्ली। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी इन दिनों सात दिवसीय भारत दौरे पर हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन इसमें महिला पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किया गया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। इस मामले पर अब भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने सफाई दी है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के आयोजन या पत्रकारों की सूची तय करने में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।
MEA का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- “आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को आमंत्रित न करने का निर्णय पूरी तरह आयोजकों का था। इसमें MEA की कोई भूमिका नहीं थी।”
महिला पत्रकारों को शामिल करने की दी गई थी सलाह
पीटीआई के अनुसार, भारतीय पक्ष ने अफगान प्रतिनिधिमंडल को सुझाव दिया था कि प्रेस इंटरैक्शन में महिला पत्रकारों को भी शामिल किया जाए, लेकिन अंतिम निर्णय तालिबान अधिकारियों ने स्वयं लिया।
बता दें कि काबुल में तालिबान शासन के तहत महिलाओं के अधिकारों पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसके कारण उसे संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लगातार आलोचना झेलनी पड़ी है।
मुत्तकी-जयशंकर मुलाकात
गुरुवार को भारत पहुंचे आमिर खान मुत्तकी ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार, मानवीय सहायता और सुरक्षा सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की। मुत्तकी ने भरोसा दिलाया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा।
विपक्ष का केंद्र पर हमला
इस विवाद को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने एक्स (X) पर लिखा-“मैं स्तब्ध हूं कि महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर रखा गया। पुरुष पत्रकारों को तुरंत विरोध में वॉकआउट करना चाहिए था।”
वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा- “प्रधानमंत्री मोदी जी, कृपया बताएं कि तालिबान मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को क्यों हटाया गया? क्या आपके महिला अधिकारों के दावे सिर्फ चुनावी नारे हैं?”
भारत सरकार ने फिलहाल स्पष्ट कर दिया है कि महिला पत्रकारों को बाहर रखने का निर्णय पूरी तरह अफगान पक्ष का था, और इस कार्यक्रम में MEA की कोई सीधी भूमिका नहीं थी।