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करवा चौथ पर नहीं दिखे चांद तो ऐसे करें व्रत का पारण, जानें सही विधि

सनातन धर्म में करवा चौथ का व्रत विशेष महत्व रखता है। यह व्रत भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और दांपत्य जीवन की सुख-समृद्धि की कामना से निर्जला व्रत रखती हैं। पूरे दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किए महिलाएं रात्रि में चंद्र दर्शन के बाद ही अपना व्रत तोड़ती हैं।इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार इस दिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि होगी। चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 13 मिनट निर्धारित है।

हालांकि इस बार दिल्ली-एनसीआर और देश के कई हिस्सों में खराब मौसम और बारिश की संभावना के कारण चांद के दर्शन में कठिनाई हो सकती है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि अगर चांद दिखाई न दे तो महिलाएं व्रत कैसे खोलें?शास्त्रों के अनुसार यदि करवा चौथ की रात चांद बादलों में छिप जाए या दिखाई न दे, तो महिलाएं चंद्रोदय के अनुमानित समय पर चंद्रमा की दिशा में मुख कर अर्घ्य दें और मन ही मन चंद्र देव का ध्यान करें। इसके बाद व्रत का पारण किया जा सकता है।

अगर आसमान में चांद बिल्कुल न दिखे तो महिलाएं चावल से चंद्रमा का प्रतीक बनाकर विधि-विधान से उसकी पूजा कर सकती हैं। इस दौरान ध्यान रखें कि उपयोग किए गए चावल खंडित न हों। पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला जा सकता है।इसके अतिरिक्त भगवान शिव की उपासना करके भी करवा चौथ का व्रत खोला जा सकता है, क्योंकि भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान हैं। शिवजी की आराधना और ध्यान से चंद्र दर्शन का पुण्य फल प्राप्त होता है और व्रत पूर्ण माना जाता है।

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