मायावती की सभा में दिखी बसपा की ताकत, 2027 में अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों की ताकत दिखाने की होड़ आम है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अक्सर इस तरह के प्रदर्शन से दूर रहती है। लेकिन मान्यवर कांशीराम की पुण्यतिथि पर बसपा ने आज एक भव्य सभा का आयोजन किया, जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर पार्टी मुखिया मायावती ने अपनी पार्टी की वोट बैंक ताकत का अहसास कराया।
सभा में मायावती ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि बसपा आने वाले 2027 विधानसभा चुनाव में अकेले ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब भी बसपा गठबंधन करती है, तो इसका फायदा अन्य पार्टियों को होता है और बसपा हमेशा हाशिए पर रहती है।
मायावती ने बताया कि जब यूपी में बसपा की सरकार थी और कांशीराम स्मारक स्थल का निर्माण हुआ था, तो टिकट व्यवस्था लागू की गई थी, ताकि उससे प्राप्त राशि स्मारक और पार्कों के रख-रखाव में उपयोग हो। उन्होंने आरोप लगाया कि उसके बाद सपा सरकार ने इस पैसे को रोक रखा था और स्मारक की हालत जर्जर हो गई थी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार ने उनके आग्रह पर टिकट के पैसे का सही उपयोग कर स्मारक की मरम्मत कराई। मायावती ने कहा, “मुख्यमंत्री का धन्यवाद है कि टिकट की आय से मरम्मत कराई गई और पैसे अपने पास नहीं रखे गए।अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए मायावती ने पूछा कि जब सपा सरकार सत्ता में थी, तब कांशीराम स्मारकों और पार्कों के रख-रखाव के लिए कदम क्यों नहीं उठाए गए। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता से बाहर होने के बाद ही कांशीराम और पीड़ीए याद आते हैं।
मायावती ने भाजपा पर भी आरोप लगाया कि वह दलितों के लिए झूठे वादे करती है। उन्होंने जनता से अपील की कि बसपा को मजबूत करके केंद्र और राज्य में सत्ता में वापस लाया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में भी बसपा को मज़बूत करना जरूरी है।बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि पूरे देश में बसपा को कमजोर करने के षड्यंत्र हो रहे हैं, लेकिन जनता को अपने वोट का सही उपयोग कर दलित समाज और बसपा को मजबूत करना चाहिए। उनका संदेश साफ था कि यूपी में बसपा की बहुमत की सरकार बनना ज़रूरी है।