सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील ने चीफ जस्टिस पर फेंका जूता, पुलिस ने किया गिरफ्तार

नई दिल्लीः सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक नियमित सुनवाई के दौरान एक अभूतपूर्व घटना सामने आई जब वकील राकेश किशोर ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई पर जूता फेंक दिया। हालांकि, जूता चीफ जस्टिस तक नहीं पहुंचा और उनके पैरों के पास गिर गया, जिससे उन्हें कोई चोट नहीं लगी। इस अप्रत्याशित घटना से अदालत में कुछ पल के लिए अफरातफरी मच गई, लेकिन मुख्य न्यायाधीश गवई ने पूरी तरह संयम बनाए रखा और कहा, “मुझे ऐसी घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता, आप अपनी दलीलें जारी रखें।”
कौन है आरोपी वकील राकेश किशोर
आरोपी का नाम राकेश किशोर है, जो पेशे से वकील हैं। कोर्ट स्टाफ ने उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। 72 वर्षीय वकील ने जूता फेंकने से पहले चिल्लाते हुए कहा, “सनातन का अपमान नहीं चलेगा।”
पुलिस के अनुसार, राकेश किशोर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के रजिस्टर्ड सदस्य हैं और दिल्ली के मयूर विहार में रहते हैं। उन्होंने 2009 में दिल्ली बार काउंसिल में नामांकन कराया था। उनके पास सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, शाहदरा बार एसोसिएशन और दिल्ली बार काउंसिल के सदस्यता कार्ड मिले हैं।
जूता फेंकने की वजह क्या थी
यह घटना उस याचिका से जुड़ी है जिसमें मध्य प्रदेश के खजुराहो स्थित जवारी मंदिर परिसर में क्षतिग्रस्त भगवान विष्णु की प्रतिमा के पुनर्निर्माण और पुनर्स्थापना की मांग की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को याचिका को “प्रचार हित याचिका” बताते हुए खारिज कर दिया था।उस समय मुख्य न्यायाधीश गवई ने टिप्पणी की थी, “यह पूरी तरह प्रचार हित याचिका है, जाइए और स्वयं भगवान से कुछ करने के लिए कहिए। यदि आप भगवान विष्णु के प्रबल भक्त हैं तो प्रार्थना कीजिए और ध्यान लगाइए।इस टिप्पणी पर कुछ हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई थी और सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। बताया जा रहा है कि इन्हीं बयानों से आहत होकर वकील राकेश किशोर ने यह कदम उठाया।
पुलिस कर रही जांच
दिल्ली पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को भी सख्त कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने घटना की आंतरिक जांच के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।