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अनीता हसनंदानी बनीं ‘छोरियां चली गांव’ की विनर, फैंस और गांववालों को कहा धन्यवाद

लोकप्रिय टीवी एक्ट्रेस अनीता हसनंदानी ने रियलिटी शो ‘छोरियां चली गांव’ का पहला सीजन जीत लिया है। इस जीत के साथ ही अनीता भारत की फेवरेट ‘छोरी’ बन गई हैं। शो में उन्होंने सभी प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए ट्रॉफी अपने नाम की, जबकि कृष्णा श्रॉफ शो की पहली रनर-अप रहीं।

फाइनल जीतने के बाद अनीता काफी इमोशनल हो गईं। उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे। ट्रॉफी अपने हाथ में लेते हुए उन्होंने कहामुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा कि मैंने जीत हासिल की है। ये मेरे लिए, मेरे बच्चे और मेरे परिवार के लिए गर्व से भरा पल है। इस उम्र में ये उपलब्धि मेरे लिए बहुत खास है। ये सब मेरे फैंस और गांववालों के प्यार और समर्थन की वजह से ही संभव हो पाया।उन्होंने आगे कहा कि शो में उनकी जर्नी बेहद खूबसूरत रही और गांव के लोगों ने जिस अपनापन और स्नेह से उन्हें अपनाया, वह उनके दिल को छू गया। अनीता ने अपने सभी फैंस और गांववालों का धन्यवाद किया जिन्होंने उन्हें वोट देकर ट्रॉफी तक पहुंचाया।

शो में शामिल रही ये हस्तियां

‘छोरियां चली गांव’ में अनीता हसनंदानी के अलावा कई चर्चित चेहरों ने हिस्सा लिया, जिनमें अंजुम फाकिह, सुरभि मेहरा, समृद्धि मेहरा, कृष्णा श्रॉफ, ऐश्वर्या खरे, सुमुखी सुरेश, रमीत संधू, एरिका पैकार्ड, रिहा सुखेजा, डॉली जावेद और वाइल्ड कार्ड एंट्री मायरा मिश्रा शामिल थीं।सभी प्रतिभागियों ने अपनी लग्जूरियस लाइफ छोड़कर दो महीने गांव में बिताए और वहां की सादगी भरी जिंदगी को करीब से जिया। शो का उद्देश्य था कि ये सेलेब्रिटीज ग्रामीण जीवन की चुनौतियों को समझें और स्थानीय परिवारों के साथ जुड़कर कुछ बदलाव ला सकें।

गांववालों के लिए मददगार बनीं ‘छोरियां’

शो के दौरान सभी प्रतिभागियों ने उन परिवारों की मदद भी की, जिन्होंने उन्हें अपने घर और दिल में जगह दी।डॉली जावेद ने किरण और उनकी मां को ₹60,000 और एक सिलाई मशीन देकर सहयोग किया।सुरभि मेहरा ने नमन नैतिक की शिक्षा का पूरा खर्च उठाने का वादा किया।

अनीता हसनंदानी ने शगुना बाई के पोते की पूरी पढ़ाई की जिम्मेदारी ली।वहीं कृष्णा श्रॉफ ने किसान मनीष को खेती के लिए ₹1 लाख की आर्थिक मदद दी।अनीता की इस जीत ने न सिर्फ उनके फैंस को खुश किया है, बल्कि यह दिखाया है कि ग्लैमर वर्ल्ड की चमक-दमक के पीछे भी एक संवेदनशील और जमीनी सोच बसती है। ‘छोरियां चली गांव’ का यह पहला सीजन मनोरंजन के साथ-साथ इंसानियत और जुड़ाव का संदेश भी दे गया।

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