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बिहार चुनाव से पहले ‘माई-बहिन योजना’ पर सियासी संग्राम, तेजप्रताप यादव ने साधा निशाना

बिहार में विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच वादों की होड़ तेज हो गई है। इसी कड़ी में महिलाओं को लेकर प्रस्तावित ‘माई-बहिन योजना’ पर सियासी घमासान छिड़ गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है।

फॉर्म और पैसे के चक्कर में मत पड़िए

समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर में तेजप्रताप ने कहा – हम कोई फॉर्म नहीं भरवा रहे हैं और न ही किसी से पैसा ले रहे हैं। गरीबों की मदद करनी होगी तो हम सीधे करेंगे। फॉर्म के चक्कर में मत पड़िए। फॉर्म भरवाने के नाम पर आपसे पैसे लिए जाएंगे, और फिर सरकार बने न बने, लूट-खसोट चालू हो जाएगी।तेजप्रताप ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के साथ-साथ कुछ अन्य संगठनों ने भी फॉर्म निकालकर लोगों को गुमराह करने का काम शुरू कर दिया है।

क्या है ‘माई-बहिन योजना’?

‘माई-बहिन योजना’ कांग्रेस और RJD का एक प्रमुख चुनावी वादा है। इस योजना के तहत अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो राज्य की हर जरूरतमंद महिला को हर महीने 2500 रुपये की सम्मान राशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाएगी।इसके लिए महिलाओं से *पंजीकरण अभियान* और गारंटी फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। यही फॉर्म इस समय चुनावी बहस का केंद्र बने हुए हैं।यह योजना बिहार चुनाव में महिलाओं को आकर्षित करने का प्रमुख हथियार बन चुकी है। कांग्रेस पहले भी अन्य राज्यों में इसी तरह की गारंटी योजनाएं लागू कर चुकी है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने भी महिलाओं के लिए रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं का एलान किया है, जिससे मुकाबला और तीखा हो गया है।

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