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H-1B वीजा नियमों में बदलाव से भारत-अमेरिका उड़ानों का किराया आसमान पर

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत H-1B वीजा के लिए अब 1 लाख डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) की फीस चुकानी होगी। इस फैसले से भारत में मौजूद H-1B वीजा धारकों में अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में लोग तुरंत अमेरिका लौटने के लिए टिकट बुक कराने लगे।

टिकटों की अचानक बढ़ती मांग का सीधा असर हवाई किराए पर पड़ा। जहां आमतौर पर भारत से अमेरिका की इकोनॉमी क्लास टिकट 40,000 से 80,000 रुपये में मिल जाती थी, वहीं अब यह कीमत बढ़कर 2.8 लाख रुपये तक पहुंच गई। ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि एयर इंडिया, यूनाइटेड और अमेरिकन एयरलाइंस की लगभग सभी नॉनस्टॉप फ्लाइट्स फुल हो गईं। यात्रियों का कहना है कि मजबूरी में उन्हें 2 लाख रुपये से ज्यादा तक चुकाने पड़े, और इसके बावजूद उन्हें यह भरोसा नहीं था कि वे समय पर अमेरिका पहुंच पाएंगे या नहीं।

आखिरी वक्त पर टिकट बुकिंग में उछाल

ट्रैवल एजेंसियों ने बताया कि शनिवार और रविवार सुबह तक भारत से अमेरिका जाने वाली सभी नौ नॉनस्टॉप उड़ानें लगभग पूरी तरह बुक हो चुकी थीं। एयरलाइंस का कहना है कि इस बार आखिरी वक्त पर टिकट बुकिंग में असामान्य वृद्धि दर्ज की गई, जबकि आमतौर पर लंबी दूरी की फ्लाइट्स के लिए ऐसा कम ही होता है।

बाद में अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह फीस वृद्धि केवल नए और गैर-मौजूदा H-1B वीजा आवेदकों पर लागू होगी, पहले से वीजा धारकों पर नहीं। लेकिन तब तक हड़बड़ी में हजारों लोग टिकट बुक करा चुके थे और फ्लाइट्स की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी थीं।H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी ने सीधे तौर पर भारत-अमेरिका हवाई किराए पर असर डाला है। अचानक महंगे हुए टिकटों ने यात्रियों को मुश्किल में डाल दिया है और एयरलाइंस इस स्थिति को संभालने में जुटी हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह हालात कैसे सामान्य होते हैं।

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