पटना में सीएम मोहन यादव का संबोधन: “लोकतंत्र और संस्कृति, दोनों हमारी धरोहर”

पटना। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को पटना में आयोजित भगवान श्रीकृष्ण विचारों का जन समरस सांस्कृतिक सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और हमारे पूर्वजों ने लोकतंत्र की जड़ों को इस तरह सींचा है कि यह अब एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है।
सीएम यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण सच्चे लोकतांत्रिक विचारों के पक्षधर थे। उन्होंने अपने राजकाज में सबके विचारों को महत्व दिया। “हमारी सरकार उन्हीं के दिखाए मार्ग पर चल रही है। श्रीकृष्ण के विचार हमारी सांस्कृतिक धरोहर और अमूल्य पूंजी हैं,” उन्होंने कहा।
श्रीकृष्ण पाथेय और गीता भवन
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि सरकार श्रीकृष्ण की स्मृतियों को स्थायी बनाने के लिए श्रीकृष्ण पाथेय विकसित कर रही है। इसके तहत उनके लीला स्थलों को तीर्थ के रूप में चिन्हित किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश के हर नगरीय निकाय में गीता भवन बनाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि गुरु सांदीपनि की स्मृति में मध्य प्रदेश में 300 से अधिक सांदीपनि विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि गुरुकुल शिक्षा पद्धति को बढ़ावा मिल सके।
यदुकुल का गौरव और सांस्कृतिक पहचान
सम्मेलन में सीएम ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण यदुकुल के गौरव हैं और मात्र 11 वर्ष की आयु में उन्होंने कंस का वध कर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की। उन्होंने गीता के ज्ञान से विश्व को दिशा दी।मोहन यादव ने कहा “भारत की असली पहचान हमारी संस्कृति है। यदि विदेश में आप कहें कि आप राम-कृष्ण-बुद्ध की धरती से आए हैं, तो लोग तुरंत समझ जाएंगे कि आप भारतीय हैं।
बिहार और मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक रिश्ता
सीएम ने पाटलिपुत्र और अवन्तिका (उज्जैन) को देश के सबसे पुराने नगर बताते हुए कहा कि बिहार ने बौद्ध विचारों के जरिए विश्व को शांति और सामाजिक सद्भावना का संदेश दिया।उन्होंने बिहार के लोगों को मध्य प्रदेश आने का निमंत्रण दिया और कहा—“भगवान श्रीकृष्ण ने अपना बाल्यकाल हमारे प्रदेश में बिताया। यहीं सांदीपनि आश्रम में शिक्षा पाई और यहीं सुदामा से मित्रता की नींव पड़ी। इस मामले में हम परम सौभाग्यशाली हैं।
लोक कल्याणकारी शासन
सीएम यादव ने कहा कि सबका समग्र विकास ही लोक कल्याणकारी राज्य का मूल उद्देश्य है। “सुशासन के जरिए हर जरूरतमंद तक योजनाओं और सुविधाओं का लाभ पहुँचाना हमारी प्राथमिकता है। विरासत से विकास की अवधारणा के साथ मध्य प्रदेश राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे रहा है।