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नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा

काठमांडू। नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे की मांग को लेकर मंगलवार को राजधानी काठमांडू समेत नेपाल के प्रमुख शहरों में प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुस गए हैं और आगजनी की है।

ओली के अलावा अब तक 4 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव शामिल हैं।इस बीच प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, शेर बहादुर देउबा, कल गृहमंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले रमेश लेखक और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घर आगजनी भी की है।देश में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन लगाने के विरोध में लगातार दूसरे दिन युवाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। अब तक इसमें 19 लोगों की मौत हुई है।

सोशल मीडिया प्रतिबंध और विद्रोह

नेपाल सरकार ने नए डिजिटल नियमन विधेयक के तहत कई बड़ी ऐप्स और सोशल मीडिया सेवाओं को अवरुद्ध कर दिया, जिसके चलते युवाविशेषकर Gen-Zसड़क पर उतर आए। उनका नारा था, “Stop corruption, not social media”।हिंसा तब चरम पर पहुंची जब प्रदर्शनकारी संसद भवन तक पहुँचने की कोशिश में नाकाम रहे और पुलिस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

सरकार ने राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू लागू कर स्कूल बंद कर दिए।

राजनीतिक जवाबदेही और इस्तीफेविरोध के दबाव में, गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया। सरकार ने 15 दिनों में हिंसा की जांच के लिए रिपोर्ट देने और पीड़ितों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।सामाजिक मीडिया प्रतिबंध को भी मंगलवार को हटाया गया, लेकिन राजनीतिक असंतोष बरकरार है।

राष्ट्रपति आवास पर कब्जा और हिंसक झड़पें

सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के निजी आवास पर घुस आए और वहां तोड़फोड़ की, जबकि राजधानी में कई जगह आगजनी और पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं। हालांकि, इस संबंध में अभी तक अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

ओली का दुबई भागने का अटकल क्या है सच?

वायरल खबरें यह संकेत देती हैं कि प्रधानमंत्री KP शर्मा ओली दुबई भाग सकते हैं और उनके लिए एक प्राइवेट विमान तैयार है। लेकिन इसे लेकर अभी तक कोई आधिकारिक समाचार या विश्वसनीय स्रोत उपलब्ध नहीं है। इसलिए यह रिपोर्ट एक अफवाह के रूप में ही देखी जानी चाहिए जब तक कोई पुष्टिकरण नहीं मिलता।

सामाजिक और राजनीतिक क्रोध ने नेपाल को विभाजित कर दिया है; विरोध Gen-Z द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है।सरकार ने विरोध के बीच सोशल मीडिया प्रतिबंध हटा दिया, लेकिन इसका प्रभाव अभी तक शांतिदायक नहीं है।प्रधानमंत्री ओली की भागने की अफवाहें अभी तक अवास्तविक ज़मीनी तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।वर्तमान हालात इस बात का संकेत दे रहे हैं कि नेपाल तेजी से एक गंभीर संवैधानिक और राजनीतिक संकट की ओर अग्रसर हो रहा है। जनता की मांग अंतरिम सरकार, जिम्मेदारी, और न्याय स्पष्ट रूप में सामने आ चुकी है।

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