नेपाल में हिंसक विरोध के बीच सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाया, ओली के भागने की अफवाहें, हालात बेहद तनावपूर्ण

काठमांडू । नेपाल में हाल के दिनों में उभरे गहन विरोध और हिंसक घटनाक्रम ने देश को संकट की ओर धकेल दिया है। सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेसबुक, व्हाट्सऐप और X पर प्रतिबंध लगाने के बाद राजधानी समेत कई शहरों में व्यापक विरोध प्रदर्शन भड़के, जिनमें कम से कम 17 से 20 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए।
सोशल मीडिया प्रतिबंध और विद्रोह
नेपाल सरकार ने नए डिजिटल नियमन विधेयक के तहत कई बड़ी ऐप्स और सोशल मीडिया सेवाओं को अवरुद्ध कर दिया, जिसके चलते युवाविशेषकर Gen-Zसड़क पर उतर आए। उनका नारा था, “Stop corruption, not social media”।हिंसा तब चरम पर पहुंची जब प्रदर्शनकारी संसद भवन तक पहुँचने की कोशिश में नाकाम रहे और पुलिस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
सरकार ने राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू लागू कर स्कूल बंद कर दिए।
राजनीतिक जवाबदेही और इस्तीफेविरोध के दबाव में, गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया। सरकार ने 15 दिनों में हिंसा की जांच के लिए रिपोर्ट देने और पीड़ितों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।सामाजिक मीडिया प्रतिबंध को भी मंगलवार को हटाया गया, लेकिन राजनीतिक असंतोष बरकरार है।
राष्ट्रपति आवास पर कब्जा और हिंसक झड़पें
सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के निजी आवास पर घुस आए और वहां तोड़फोड़ की, जबकि राजधानी में कई जगह आगजनी और पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं। हालांकि, इस संबंध में अभी तक अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
ओली का दुबई भागने का अटकल क्या है सच?
वायरल खबरें यह संकेत देती हैं कि प्रधानमंत्री KP शर्मा ओली दुबई भाग सकते हैं और उनके लिए एक प्राइवेट विमान तैयार है। लेकिन इसे लेकर अभी तक कोई आधिकारिक समाचार या विश्वसनीय स्रोत उपलब्ध नहीं है। इसलिए यह रिपोर्ट एक अफवाह के रूप में ही देखी जानी चाहिए जब तक कोई पुष्टिकरण नहीं मिलता।
सामाजिक और राजनीतिक क्रोध ने नेपाल को विभाजित कर दिया है; विरोध Gen-Z द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है।सरकार ने विरोध के बीच सोशल मीडिया प्रतिबंध हटा दिया, लेकिन इसका प्रभाव अभी तक शांतिदायक नहीं है।प्रधानमंत्री ओली की भागने की अफवाहें अभी तक अवास्तविक ज़मीनी तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।वर्तमान हालात इस बात का संकेत दे रहे हैं कि नेपाल तेजी से एक गंभीर संवैधानिक और राजनीतिक संकट की ओर अग्रसर हो रहा है। जनता की मांग अंतरिम सरकार, जिम्मेदारी, और न्याय स्पष्ट रूप में सामने आ चुकी है।