चंद्र ग्रहण 2025: जानें सूतक काल, पूजा-व्रत और दान-पुण्य के नियम

नई दिल्ली।हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा और पितृपक्ष के दिन आज चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य है। ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक काल लागू हो जाता है।
सूतक और ग्रहण का समय
सूतक काल प्रारंभ : दोपहर 12:57 बजे
ग्रहण शुरू : रात 10:57 बजे
ग्रहण समाप्त : रात 1:27 बजे
कुल अवधि : लगभग 3 घंटे 28 मिनट
ग्रहण से पहले क्या करें
नए कार्य या शुभ कामों की शुरुआत न करें।
घर के भोजन और पानी में तुलसी दल डाल दें।
पूजा स्थल के कपाट बंद कर दें।
चावल व आलू अलग रखकर बाद में दान के लिए सुरक्षित करें।
फूल और तुलसी दल न तोड़ें।
ग्रहण के दौरान क्या करें
गीता, सुंदरकांड या भजन-पाठ करें।
भगवान शिव अथवा अपने आराध्य की उपासना करें।
ध्यान और मंत्र-जप लाभकारी माने जाते हैं।
ग्रहण के बाद क्या करें
पहले से रखे चावल व आलू दान करें।
दान-पुण्य और स्नान करना शुभ होता है।
ग्रहण से पहले पकाया भोजन पशु-पक्षियों को दें।