ट्रंप की नीतियों के 7 महीने: कमजोर हुआ अमेरिकी नौकरी बाजार, महंगाई ने बढ़ाई चिंता

वॉशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता में लौटने के सात महीने बाद नौकरी बाजार की स्थिति कमजोर होती दिख रही है। अगस्त में जारी लेबर रिपोर्ट के अनुसार, देश में केवल 22,000 नई नौकरियां ही पैदा हुईं, जबकि बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3% हो गई है। यह दर पिछले चार साल का सबसे ऊंचा स्तर है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जून में 13,000 नौकरियों की कमी दर्ज की गई, जो दिसंबर 2020 के बाद पहली मासिक गिरावट थी। फैक्ट्रियों और निर्माण क्षेत्र में सबसे ज्यादा असर देखा गया। ट्रंप ने चुनाव अभियान में वादा किया था कि उनकी *टैरिफ पॉलिसी नौकरियां वापस लाएगी, लेकिन इसके उलट मैन्युफैक्चरिंग में 42,000 और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 8,000 नौकरियां कम हो चुकी हैं। तेल और गैस क्षेत्र में भी 12,000 नौकरियों की कटौती दर्ज की गई है।
महंगाई बनी सरकार की चुनौती
अप्रैल में जहां वार्षिक महंगाई दर 2.3% थी, वहीं जुलाई तक यह 2.7% तक पहुंच गई। बिजली की कीमतें भी इस साल 4.6% बढ़ चुकी हैं। वॉलमार्ट और प्रॉक्टर एंड गैंबल जैसी कंपनियों ने टैरिफ की वजह से कीमतें बढ़ाने का फैसला किया। खराब आर्थिक आंकड़ों के लिए ट्रंप ने फेडरल रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल को जिम्मेदार ठहराया, हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्याज दरों में जल्दबाज़ी से कटौती करने पर महंगाई और बढ़ सकती है।
आप्रवासन नीति और बेरोजगारी
ट्रंप की सख्त आप्रवासन नीतियों का असर श्रमिकों की कमी के रूप में दिखा है। ब्लैक समुदाय की बेरोजगारी दर 7.5% तक पहुंच गई है, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे ज्यादा है। खराब जॉब्स रिपोर्ट आने के बाद ट्रंप ने हाल ही में लेबर स्टैटिस्टिक्स की कमिश्नर एरिका मैकएंटारफर को बर्खास्त कर दिया और आंकड़ों में हेरफेर का आरोप लगाया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने दावा किया कि अगस्त का डेटा अस्थायी है और अर्थव्यवस्था जल्द ही गति पकड़ेगी। वहीं, डेमोक्रेटिक नेताओं ने ट्रंप पर हमला बोला। सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने कहा, “ट्रंप की नीतियां जॉब मार्केट को तबाह कर रही हैं।” सीनेटर चक शूमर ने चेतावनी दी कि “ट्रंप की बेतरतीब नीतियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही हैं।