हरियाणा की राजनीति में नई शुरुआत: नायब सिंह सैनी का उदय

हरियाणा की राजनीति में 13 मार्च 2024 का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ, जब एक साधारण किसान परिवार से आने वाले नायब सिंह सैनी ने राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यह अवसर खास इसलिए भी रहा क्योंकि इससे सत्ता पारंपरिक राजनीतिक घरानों से हटकर आम जनता के बीच से निकले नेता के हाथों पहुंची। सादगी और सेवा की भावना से जुड़े सैनी ने राजनीति की नई परिभाषा गढ़नी शुरू की। बता दें कि उन्होंने 12 मार्च को मनोहर लाल खट्टर की जगह मुख्यमंत्री पद संभाला था।
विपक्ष की भविष्यवाणियां हुईं गलत
जब नायब सिंह सैनी पहली बार मुख्यमंत्री बने, तब विपक्ष ने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में मुश्किल से कुछ सीटें ही जीत पाएगी। लेकिन सैनी ने महज छह महीनों में गांव-गांव जाकर लोगों से सीधा संवाद स्थापित किया, उनकी समस्याएं सुनीं और त्वरित समाधान दिए। इस जनसंपर्क अभियान का नतीजा यह रहा कि अक्टूबर 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपेक्षाओं से परे जाकर भारी बहुमत हासिल किया और सत्ता में वापसी की।
वादों से आगे, काम की राजनीति
16 अक्टूबर 2024 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए सैनी ने स्पष्ट किया कि उनकी राजनीति केवल भाषणों और वादों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि ठोस काम के आधार पर आगे बढ़ेगी। उन्होंने युवाओं को रोजगार के अवसर, महिलाओं को सुरक्षा व सहयोग और गरीबों को राहत प्रदान करने के कदम उठाए। यही कारण है कि उनकी छवि एक ऐसे नेता की बनी, जो वादों के बजाय काम करके जनता का विश्वास जीतता है।