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तमिलनाडु: विधानसभा चुनाव से पहले AMMK ने छोड़ा NDA का साथ, दिनाकरन ने BJP पर लगाया ‘धोखे’ का आरोप

कडलूर: तमिलनाडु की राजनीति में विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा फेरबदल हुआ है। टीटीवी दिनाकरन की अगुवाई वाली अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कड़गम (AMMK) ने बुधवार को भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने का ऐलान किया। दिनाकरन ने भाजपा पर ‘धोखा’ देने का आरोप लगाते हुए साफ कहा कि अब उनकी पार्टी NDA का हिस्सा नहीं रहेगी।गौरतलब है कि AMMK ने 2024 लोकसभा चुनाव में NDA के साथ मिलकर दो सीटों थेनी और तिरुचिरापल्ली पर किस्मत आजमाई थी, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। खुद दिनाकरन थेनी से मैदान में उतरे थे, मगर हार का सामना करना पड़ा।

2018 में बनी थी AMMK

AIADMK से निष्कासित किए जाने के बाद दिनाकरन ने 2018 में AMMK की स्थापना की थी। यह पार्टी खुद को पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की राजनीतिक विरासत का वाहक बताती है। कडलूर जिले के कट्टुमन्नारकोइल में पत्रकारों से बातचीत में दिनाकरन ने कहा, “हमारी पार्टी की शुरुआत ही धोखे के खिलाफ हुई थी। हमने सोचा था कि दिल्ली में बैठे लोग बदलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम किसी के कंधों पर बोझ ढोने के लिए मूर्ख नहीं हैं।

दिनाकरन ने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने कई महीनों तक इंतजार किया, लेकिन कोई सकारात्मक निर्णय नहीं आया। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिसंबर में पार्टी अपनी नई रणनीति का ऐलान करेगी। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कथित ‘धोखे’ के पीछे कौन लोग हैं।

NDA से दूसरी पार्टी का बाहर होना

हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (OPS) ने भी अपनी पार्टी को NDA से अलग कर लिया था। अब AMMK के बाहर होने से तमिलनाडु में भाजपा के लिए हालात और चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। फिलहाल राज्य में NDA का नेतृत्व AIADMK कर रही है, जिसने पिछले साल भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन किया था।दिनाकरन का यह कदम तमिलनाडु की सियासत में नई हलचल पैदा कर रहा है। अब सबकी निगाहें दिसंबर में AMMK की नई रणनीति और संभावित गठबंधन पर टिकी हैं।

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