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उत्तर भारत में मॉनसून का कहर: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब और दिल्ली-NCR में बाढ़-भूस्खलन से हाहाकार

नई दिल्ली। सितंबर में भी उत्तर भारत में मॉनसून का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है। नदियां उफान पर हैं, सड़कें और पुल टूट गए हैं, कई स्कूल बंद कर दिए गए हैं और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

जम्मू-कश्मीर: तवी नदी उफान पर, भूस्खलन से रास्ते बंद

जम्मू में तवी नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। डोडा और उधमपुर में भूस्खलन के चलते कई हाईवे बंद हैं। डोडा-किश्तवाड़ हाईवे पर भारी मलबा जमा होने से यातायात ठप हो गया। जम्मू के बारमीनी गांव में भूस्खलन से 50 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए और करीब 100 परिवार प्रभावित हुए। प्रशासन ने वैष्णो देवी यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी है।

हिमाचल प्रदेश: बादल फटने और भूस्खलन से तबाही

हिमाचल में लगातार बारिश और भूस्खलन से हालात बिगड़े हैं। किन्नौर में नाथपा के पास नेशनल हाईवे-5 बंद है, जबकि शिमला, रामपुर और कुल्लू में कई सड़कें मलबे से ढकी हैं। मंडी जिले के सुंदरनगर में भूस्खलन से दो घर दब गए, जिसमें 5 लोग फंसे। NDRF और SDRF की टीमों ने अब तक तीन शव बरामद किए हैं।इस मॉनसून सीजन में हिमाचल में 46 बार बादल फटने और 95 जगहों पर बाढ़ की घटनाएं दर्ज हुई हैं। 1,277 सड़कें, 3,207 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 790 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। शिमला, चंबा, सोलन और कांगड़ा सहित कई जिलों में सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। वहीं, लाहौल-स्पीति में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है।

पंजाब: 37 साल बाद सबसे बड़ी बाढ़

पंजाब में 1988 के बाद सबसे गंभीर बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। सतलुज, ब्यास, रावी और घग्घर नदियां उफान पर हैं। अब तक 12 जिले प्रभावित हुए हैं, 2.56 लाख लोग प्रभावित और 30 लोगों की मौत हो चुकी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना ने 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। राज्य सरकार ने 129 राहत शिविर स्थापित किए हैं।मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी। करीब 3 लाख एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं।

दिल्ली-NCR: यमुना का जलस्तर बढ़ा, निचले इलाके जलमग्न

दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 1.63 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यमुना बाजार, बुराड़ी और कश्मीरी गेट जैसे क्षेत्रों में पानी घुस गया है। लोहे के पुल को बंद कर दिया गया है और प्रशासन ने नावों व गोताखोरों की तैनाती की है।नोएडा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। गुरुग्राम में कंपनियों को वर्क-फ्रॉम-होम की सलाह दी गई है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

आईएमडी के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक उत्तर भारत में भारी से अति भारी बारिश जारी रह सकती है। इससे बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।

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