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मराठा आरक्षण आंदोलन: 5 दिन बाद मनोज जरांगे ने तोड़ा अनशन, सरकार ने मानी 5 मांगें

मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर बीते पांच दिनों से अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को अपना अनशन खत्म कर दिया। अनशन समाप्त करने से पहले उनकी महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों से लंबी बातचीत हुई। बातचीत के बाद सरकार ने उनकी सात में से पांच मांगें मान लीं और इसके लिए आधिकारिक जीआर (सरकारी आदेश) भी जारी किया। जरांगे ने जूस पीकर अनशन तोड़ा और भावुक होते हुए कहा“आज हमारे लिए दिवाली है, क्योंकि हमें वह मिल गया जिसकी हम लड़ाई लड़ रहे थे। हम जीत गए हैं।

सरकार को दिया अल्टीमेटम

जरांगे ने सरकार से दो महीने के भीतर वह जीआर जारी करने की मांग की, जिसमें मराठा समुदाय को कुनबी जाति का हिस्सा माना जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय पर आदेश जारी कर देती है तो वह आंदोलन खत्म कर देंगे और मुंबई से लौट जाएंगे।

आंदोलन की पृष्ठभूमि

मनोज जरांगे को पुलिस ने 29 अगस्त से मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन करने की अनुमति दी थी। इसके तहत वह अनशन पर बैठे थे और मंगलवार को इसका पांचवां दिन था।

कौन हैं मनोज जरांगे?

जरांगे महाराष्ट्र के बीड जिले के रहने वाले हैं और उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की है।वह 2011 से मराठा आरक्षण आंदोलन से जुड़े हैं।2014 में छत्रपति संभाजीनगर में डिविजनल कमिश्नरेट के खिलाफ बड़ा मार्च निकाला था।2015 से 2023 के बीच उन्होंने 30 से अधिक आंदोलनों का नेतृत्व किया।2021 में जालना जिले के साष्टा पिंपलगांव में 90 दिनों की हड़ताल भी की थी।

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