खनिज नीलामी में मध्यप्रदेश बना देश का अग्रणी राज्य, 23 अगस्त को कटनी में खनिज कॉन्क्लेव

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश खनिज नीलामी के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी बनकर उभरा है। वर्ष 2022-23 में प्रदेश ने 29 खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर पहला स्थान प्राप्त किया। हाल ही में क्रिटिकल मिनरल्स की नीलामी कर मध्यप्रदेश केंद्र सरकार की नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य भी बना है।खनिज क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए भारत सरकार ने राज्य को खनन मंत्रियों के सम्मेलन में वर्ष 2022 का प्रथम पुरस्कार और वर्ष 2025 का द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया है।
23 अगस्त को खनिज कॉन्क्लेव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खनन और खनिज संसाधनों की प्रचुरता तथा निवेश अनुकूल नीतियों ने मध्यप्रदेश को औद्योगिक विकास का महत्वपूर्ण केन्द्र बना दिया है। इसी क्रम में 23 अगस्त को कटनी में खनिज औद्योगिक विकास पर केंद्रित कॉन्क्लेव आयोजित होगा। प्रदेश में खनिज ब्लॉकों की पारदर्शी नीलामी, पर्यावरण-अनुकूल खनन और स्थानीय समुदायों की भागीदारी जैसे सुधारों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है। भोपाल में अक्टूबर 2024 में हुए माइनिंग कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले थे।
राजस्व में रिकॉर्ड वृद्धि
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने खनिज राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय 23% वृद्धि दर्ज की और पहली बार 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त किया। वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 4,958 करोड़ रुपये था। अब तक प्रदेश में 103 खनिज ब्लॉकों की नीलामी हो चुकी है, जिससे भविष्य में 1.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिलने की संभावना है।
क्रिटिकल व स्ट्रैटेजिक मिनरल्स में अग्रणी
हीरा: पन्ना की मझगवां खदान देश की एकमात्र सक्रिय हीरा खदान है, जहां हर साल लगभग एक लाख कैरेट हीरे का उत्पादन होता है। छतरपुर के बंदर ब्लॉक में 34.2 मिलियन कैरेट हीरे का भंडार प्रमाणित हुआ है।सोना: सिंगरौली और कटनी में पाँच स्वर्ण ब्लॉकों की नीलामी की जा चुकी है, जिनमें 7.87 मिलियन टन अयस्क उपलब्ध है। जबलपुर व कटनी जिलों में बड़े पैमाने पर स्वर्ण अयस्क मिलने के संकेत हैं। अन्य खनिज: बालाघाट की मलाजखण्ड खदान देश की सबसे बड़ी तांबा खदान है। वहीं जबलपुर और कटनी जिलों में सोने के नए भंडार खोजे गए हैं।
अवैध खनन पर सख्ती
प्रदेश में अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए 41 एआई आधारित ई-चेकगेट स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा ड्रोन और सैटेलाइट तकनीक से खदानों की जियो-टैगिंग और 3-डी इमेजिंग कर निगरानी की जा रही है।
खनिज निधि से विकास कार्य
जिला खनिज निधि से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, महिला-बाल कल्याण, स्वच्छता और कौशल विकास से जुड़ी 16,452 परियोजनाएँ स्वीकृत की गईं, जिनमें से 7,583 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं।