जबलपुर हाई कोर्ट का बड़ा आदेश: कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश

जबलपुर/भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाते हुए तीन दिन के भीतर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को इस मामले में एसआईटी गठित करने को भी कहा है। एसआईटी की कमान एडीजी कम्युनिकेशन संजीव समी को सौंपी गई है, जबकि वे दो और अधिकारियों को मिलाकर जांच टीम बनाएंगे। मामला भोपाल में फर्जी तरीके से कॉलेज संचालित करने से जुड़ा है।
नए एडमिशन पर रोक, कॉलेज जारी रहेगा
हाई कोर्ट ने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि कॉलेज को फिलहाल चालू रखा जाएगा, लेकिन नए शैक्षणिक सत्र में एडमिशन पर रोक लगा दी गई है। वहीं, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने हाई कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है।
कोर्ट ने उठाए गंभीर सवाल
जस्टिस अतुल श्रीधर की डबल बेंच ने सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह फर्जीवाड़ा संभवतः पिछले 20 साल से चल रहा है। कोर्ट ने आशंका जताई कि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने लंबे समय तक यह गड़बड़ी संभव ही नहीं थी।
फर्जी सेल डीड का आरोप
हाई कोर्ट ने बताया कि 2004 में आरिफ मसूद ने कॉलेज के लिए फर्जी सेल डीड जमा की थी। सरकार ने जब दोबारा दस्तावेज़ मांगे, तो दूसरी सेल डीड भी संदिग्ध पाई गई। इसके बावजूद 20 साल तक किसी अधिकारी ने जांच की हिम्मत नहीं दिखाई। कोर्ट ने साफ किया कि केवल आरिफ मसूद ही नहीं, बल्कि उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने इस फर्जीवाड़े में भूमिका निभाई।
कॉलेज की मान्यता पहले ही रद्द
गौरतलब है कि आरिफ मसूद की संस्था अमन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज की मान्यता हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग ने रद्द कर दी थी। कॉलेज को पहले अंतरिम मान्यता मिली थी, लेकिन आवश्यक दस्तावेज़ और शर्तें पूरी न करने पर विभाग ने मान्यता समाप्त कर दी। आरोप है कि कांग्रेस विधायक ने फर्जी दस्तावेज़ लगाकर मान्यता हासिल की थी, जिसमें संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है।