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NDA ने तय किया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, सीपी राधाकृष्णन का नाम फाइनल

नई दिल्ली। एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जानकारी दी कि सीपी राधाकृष्णन एनडीए की ओर से उम्मीदवार होंगे। नड्डा के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संसदीय बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया।

कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?

सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं और लंबे समय से बीजेपी, आरएसएस और जनसंघ से जुड़े रहे हैं। वे वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इससे पहले वे झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं और उनके पास *तेलंगाना का अतिरिक्त प्रभार* भी रहा। इसके अलावा वे पुडुचेरी के उपराज्यपाल भी रहे हैं।

राधाकृष्णन कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं और बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे। महज 16 साल की उम्र में वे आरएसएस और जनसंघ से जुड़ गए थे। दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु और केरल में बीजेपी को मजबूत करने में उनका बड़ा योगदान रहा है।

जातीय समीकरण और बीजेपी का रणनीतिक दांव

सीपी राधाकृष्णन ओबीसी वर्ग से आते हैं और उनकी जाति गाउंडर (कोंगु वेल्लालर उपजाति) है। यह जाति मूल रूप से कृषि-किसानी से जुड़ी है और *पश्चिमी तमिलनाडु (कोंगु रीजन) में इसका गहरा प्रभाव है। दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी नेता के. अन्नामलाई और एआईएडीएमके नेता ई. पलनीस्वामी भी इसी जाति से ताल्लुक रखते हैं।

हाल ही में तमिलनाडु बीजेपी नेतृत्व में बदलाव के कारण इस उपजाति के वोट बीजेपी से दूर जाने की आशंका जताई जा रही थी। ऐसे में राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना बीजेपी का डैमेज कंट्रोल और रणनीतिक कदम माना जा रहा है। अगले साल तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी इस कदम से स्थानीय समीकरण साधने की कोशिश कर रही है।

विपक्ष से समर्थन की कोशिश

जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष से भी बातचीत की जाएगी ताकि उपराष्ट्रपति पद का चुनाव निर्विरोध हो सके। उन्होंने बताया कि एनडीए के सभी सहयोगी दल राधाकृष्णन के नाम का समर्थन कर चुके हैं और विपक्ष से संपर्क जारी है।

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