लॉरेंस बिश्नोई का करीबी रणदीप मालिक अमेरिका में गिरफ्तार, कई हत्याओं और धमाकों की साजिशों में था मास्टरमाइंड

नई दिल्ली। भारत के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी रणदीप सिंह मालिक को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी अमेरिका की संघीय कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसी, फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने की है।
सूत्रों के मुताबिक, रणदीप अमेरिका में बैठकर लॉरेंस बिश्नोई के इशारों पर भारत में गंभीर आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवा रहा था। इनमें दिल्ली का चर्चित नादिर शाह मर्डर केस भी शामिल है, जिसमें वह लंबे समय से वांटेड था। जांच एजेंसियों का दावा है कि इस हत्याकांड में जो हथियार इस्तेमाल किए गए थे, वे सीधे तौर पर रणदीप ने विदेश में रहते हुए उपलब्ध करवाए थे।
विदेश से रची हत्या और धमाकों की साजिश
एफबीआई और भारतीय खुफिया सूत्रों का कहना है कि रणदीप सिर्फ हत्या के मामलों में ही नहीं, बल्कि भारत में दहशत फैलाने के लिए धमाकों की साजिश में भी शामिल था। गुरुग्राम और चंडीगढ़ के क्लबों के बाहर धमाका करने की योजना भी उसी ने विदेश से रची थी। हालांकि, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और समय रहते उठाए गए कदमों की वजह से यह योजना पूरी नहीं हो पाई।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा
जांच में यह भी सामने आया है कि रणदीप का नेटवर्क केवल भारत और अमेरिका तक सीमित नहीं था, बल्कि वह कनाडा, दुबई और यूरोप के कई देशों में फैले अपराधियों और हथियार सप्लायरों के साथ भी संपर्क में था। माना जा रहा है कि उसका गिरोह हथियारों की तस्करी, सुपारी किलिंग और रंगदारी जैसे मामलों में सक्रिय था।
भारत को सौंपे जाने की संभावना
रणदीप की गिरफ्तारी के बाद अब सबसे बड़ा सवाल उसके भारत प्रत्यर्पण का है। सूत्र बताते हैं कि भारतीय एजेंसियां पहले से ही अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में थीं और प्रत्यर्पण की औपचारिक प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो नादिर शाह मर्डर केस और अन्य आपराधिक मामलों की जांच में महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है।
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह पर बढ़ा दबाव
रणदीप की गिरफ्तारी को भारतीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कार्रवाई से लॉरेंस बिश्नोई के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर सीधा दबाव पड़ेगा और उसके कई गुर्गों की गतिविधियां सीमित हो सकती हैं।