सपा विधायक पूजा पाल ने सदन में की CM योगी की खुली तारीफ़, गूँज उठा विधानसभा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने पूरे सदन का माहौल बदल दिया। आम तौर पर विपक्षी दलों से सत्तापक्ष को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ कर दी।
गोविंदनगर सीट से सपा विधायक पूजा पाल ने सदन में बोलते हुए कहा “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब कहा था कि अपराधियों को मिट्टी में मिला देंगे, तो कई लोग इसे केवल राजनीतिक बयान समझ रहे थे। लेकिन आज, उन्होंने जो कहा था, वह सच साबित हो गया है।उनके इस बयान ने कुछ पलों के लिए पूरे सदन को चुप करा दिया। सत्ता पक्ष के सदस्य तालियाँ बजाने लगे, जबकि विपक्ष के कई विधायकों के चेहरे पर हैरानी साफ झलक रही थी।
क्या है पृष्ठभूमि?
पूजा पाल का यह बयान उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर आया। योगी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई कुख्यात अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। एनकाउंटर, अवैध संपत्तियों पर बुलडोज़र, और सख्त कानून के जरिए अपराध पर नकेल कसने का दावा सरकार लगातार करती रही है।विशेष रूप से, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल से ही यह घोषणा की थी कि अपराध और अपराधियों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं होगी। पूजा पाल के मुताबिक, यह केवल एक नारा नहीं था, बल्कि जमीन पर दिखने वाला बदलाव है।
सदन में क्यों बनी चर्चा?
विधानसभा में विपक्ष के नेता और सपा के कई वरिष्ठ विधायक अक्सर सरकार की आलोचना करते हैं। ऐसे में, सपा की ही एक विधायक द्वारा मुख्यमंत्री की खुलेआम सराहना करना असामान्य माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान न केवल सदन की कार्यवाही में चर्चा का विषय बना, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गया।
सियासी हलचल और प्रतिक्रियाएँ
सत्ता पक्ष के नेताओं ने पूजा पाल के बयान को योगी सरकार की नीतियों की जीत बताया। वहीं, विपक्ष के कुछ सदस्यों ने इसे व्यक्तिगत राय करार दिया। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा यह योगी जी की नीति और नीयत का प्रमाण है, जो विपक्ष के विधायक भी मान रहे हैं।पूजा पाल का यह बयान आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस को और गरमा सकता है, क्योंकि यह न केवल योगी सरकार की छवि को मजबूती देता है, बल्कि विपक्षी खेमे के भीतर भी नई चर्चा छेड़ सकता है।