Main Slideराजनीति

UP विधानसभा में 40 ठाकुर विधायकों की बैठक से सियासी हलचल, संदेश या संयोग?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र इन दिनों जारी है। बहस, सवाल-जवाब और राजनीतिक तकरार के बीच कल शाम एक ऐसा घटनाक्रम हुआ जिसने सियासी गलियारों में अचानक हलचल मचा दी। सत्र खत्म होने के बाद प्रदेश के करीब 40 ठाकुर विधायक एक साथ इकट्ठा हुए और यह महज़ संयोग था या एक संदेश, इस पर अब चर्चाओं का दौर तेज़ हो गया है।

बैठक की पृष्ठभूमि

जानकारी के मुताबिक, इस बैठक का आयोजन मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से विधायक ठाकुर रामवीर सिंह ने किया था। उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर सभी ठाकुर विधायकों को बुलावा भेजा, और हैरानी की बात यह रही कि लगभग सभी ने इसमें शिरकत भी की। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में चाय-नाश्ते के साथ प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों और ठाकुर समाज की राजनीतिक भागीदारी पर खुलकर चर्चा हुई।

सियासी संदेश?

हालांकि बैठक को ‘सामाजिक मेल-मिलाप’ का नाम दिया जा रहा है, लेकिन समय और परिस्थितियां इसे साधारण मिलने-जुलने से कहीं ज़्यादा महत्व दे रही हैं। मानसून सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच तीखी बहस चल रही है, ऐसे में किसी एक जाति के इतने बड़े राजनीतिक चेहरे का एक साथ आना राजनीतिक संकेतों से खाली नहीं माना जा रहा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में ठाकुर समुदाय हमेशा से प्रभावशाली रहा है, खासकर मौजूदा सरकार में तो मुख्यमंत्री खुद इसी समाज से आते हैं। ऐसे में 40 विधायकों की ‘पावर शो’ जैसी तस्वीरें भविष्य की राजनीति में समीकरण बदलने की ओर इशारा कर सकती हैं।

विपक्ष और सत्तापक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों ने इस बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि यह सत्ता के भीतर जातिगत ध्रुवीकरण का संकेत है, जो आने वाले चुनाव में और तेज़ हो सकता है। वहीं, सत्तापक्ष के कुछ नेताओं का कहना है कि यह बैठक महज़ ‘सामाजिक परिचय’ के लिए थी, इसमें किसी राजनीतिक रणनीति की बात नहीं हुई।

आगे की दिशा

फिलहाल, बैठक में क्या तय हुआ, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि ठाकुर विधायकों का यह ‘नेटवर्किंग’ भविष्य में सरकार के अंदर और बाहर, दोनों जगह प्रभाव डाल सकता है।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close