फतेहपुर में मकबरे को लेकर बवाल, एक किलोमीटर दायरे में सड़कें बंद, 150 पर FIR

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में नवाब अबू समद के मकबरे को लेकर सोमवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया। हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने मकबरे में घुसकर हंगामा किया, धार्मिक नारे लगाए और दावा किया कि यह स्थान पहले मंदिर था। घटना के बाद *पुलिस और जिला प्रशासन ने मकबरे के एक किलोमीटर दायरे में आने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया है।
अधिकारियों के मुताबिक, पूरे क्षेत्र में ड्रोन से लगातार निगरानी की जा रही है। मकबरे के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत सोमवार रात पूरी कर ली गई। पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने स्पष्ट किया, “कड़ी निगरानी रखी जा रही है, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
वरिष्ठ अधिकारियों का दौरा और अतिरिक्त बल
अपर पुलिस महानिदेशक (प्रयागराज) संजीत गुप्ता ने घटनास्थल का दौरा कर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सौहार्द बनाए रखने और किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए रणनीति तैयार की। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए कौशांबी और प्रयागराज से अतिरिक्त बल बुलाया गया। सोमवार शाम इलाके में फ्लैग मार्च भी निकाला गया।
उलेमा काउंसिल की प्रतिक्रिया
उलेमा काउंसिल ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर घटना की निंदा की और आरोप लगाया कि कुछ संगठन “मंदिर के दावे के बहाने एक ऐतिहासिक धरोहर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।” संगठन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और राष्ट्रीय धरोहर की सुरक्षा की मांग की।
150 लोगों पर केस, 10 नामजद
पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान और शांति भंग करने के आरोप में 150 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वीडियो में कई लोग भगवा झंडे लेकर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं, हालांकि किसी के पास हथियार नहीं था।
नामजद आरोपियों में शामिल हैं —
1. धर्मेंद्र सिंह (बजरंग दल नेता)
2. अभिषेक शुक्ला (भाजपा नेता)
3. अजय सिंह (जिला पंचायत सदस्य)
4. देवनाथ धाकड़ (भाजपा नेता)
5. विनय तिवारी (नगर पालिका सभासद)
6. पुष्पराज पटेल
7. रितिक पाल
8. प्रसून तिवारी (भाजपा)
9. पप्पू चौहान (समाजवादी पार्टी नेता)