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आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट आदेश पर राहुल गांधी ने उठाए सवाल, कही ये बात

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश की आलोचना की है। उन्होंने इसे दशकों से चली आ रही मानवीय और वैज्ञानिक नीतियों से पीछे ले जाने वाला कदम बताया। राहुल गांधी का कहना है कि ये बेजुबान प्राणी कोई “समस्या” नहीं हैं जिन्हें खत्म किया जाए। सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए आश्रय, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल जैसे मानवीय उपाय अपनाए जा सकते हैं। उनका मानना है कि पूर्ण प्रतिबंध क्रूर और दूरदृष्टिहीन है तथा इससे करुणा की भावना समाप्त होती है।

भाजपा सांसद मेनका गांधी ने भी इस आदेश की व्यवहारिकता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में करीब तीन लाख आवारा कुत्ते हैं और उन्हें हटाने के लिए हजारों शेल्टर होम की जरूरत होगी, जिनके निर्माण, स्टाफ और देखभाल पर भारी खर्च आएगा। उन्होंने आशंका जताई कि यह फैसला गुस्से में और व्यावहारिक पहलुओं पर विचार किए बिना लिया गया हो सकता है। मेनका गांधी ने यह भी कहा कि एक महीने पहले सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य बेंच ने इसी मुद्दे पर संतुलित फैसला सुनाया था, जबकि अब अलग आदेश आ गया है, जिससे भ्रम की स्थिति बन गई है।

इस मुद्दे पर आम जनता की भी राय बंटी हुई है। सोशल मीडिया पर कई लोग इस आदेश का विरोध कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे समर्थन दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आठ हफ्तों के भीतर सभी आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने का निर्देश दिया है।

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