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सिंधु जल संधि विवाद पर मिथुन चक्रवर्ती का बयान, पाकिस्तान को दी चेतावनी

कोलकाता। अभिनेता से भाजपा नेता बने *मिथुन चक्रवर्ती* ने मंगलवार को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री *बिलावल भुट्टो जरदारी* के हालिया बयान की कड़ी आलोचना की। बिलावल ने सिंधु जल संधि में बदलाव को लेकर भारत को चेतावनी दी थी, जिस पर मिथुन ने तीखा पलटवार किया।पत्रकारों से बातचीत में मिथुन ने कहा, “अगर ऐसी बातें करते रहेंगे और हमारी ख़ुफ़िया एजेंसी सनक गई, तो एक के बाद एक ब्रह्मोस मिसाइल चलेगी। हमने एक बांध बनाने का भी सोचा है, जहां 140 करोड़ लोग पेशाब करेंगे। फिर हम बांध खोल देंगे और सुनामी आ जाएगी। मुझे पाकिस्तान के लोगों से कोई शिकायत नहीं है, ये सब मैंने सिर्फ उनके (बिलावल भुट्टो) लिए कहा है।”

बिलावल का आरोप और चेतावनी

बिलावल ने हाल ही में सिंध सरकार के संस्कृति विभाग के एक कार्यक्रम में कहा था कि सिंधु नदी की धारा मोड़ना पाकिस्तान के “इतिहास, संस्कृति और सभ्यता” पर हमला है, विशेषकर सिंध पर। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंधु नदी परियोजना पाकिस्तान की जल सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने इसे मई में हुई सैन्य झड़प में भारत की कथित हार से जोड़ा।यह पहली बार नहीं है जब बिलावल ने ऐसी चेतावनी दी हो। जून में उन्होंने पाकिस्तान की संसद में कहा था कि अगर सिंधु नदी के पानी का हिस्सा नहीं मिला तो देश “युद्ध” करेगा।

भारत का रुख और पृष्ठभूमि

भारत ने अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोग मारे गए) के कुछ दिनों बाद 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा कि यह समझौता अब बहाल नहीं होगा।इससे पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने परमाणु हमले की धमकी देते हुए कहा था कि अगर भारत के अस्तित्व पर संकट आया या पानी का प्रवाह मोड़ा गया तो पाकिस्तान भारतीय बुनियादी ढांचे को नष्ट कर देगा।

विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान की यह नई परमाणु धमकी उसके परमाणु कमान और नियंत्रण की सुरक्षा व विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। भारत ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करता रहेगा।

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