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वोटर लिस्ट को लेकर राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर बड़ा हमला, फर्जी वोटर जोड़ने का आरोप

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए वोटर लिस्ट की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि देश की जनता को अब वोटर लिस्ट पर भरोसा नहीं रह गया है और इसमें बड़े पैमाने पर फर्जी वोटरों को जोड़ा गया है।

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र और हरियाणा के हालिया चुनाव नतीजों का हवाला देते हुए कहा, “संविधान की नींव वोट है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सही लोगों को वोट डालने का मौका मिल रहा है? क्या वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ हुई है?” उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में करीब *40 लाख वोटर “रहस्यमयी”* हैं और चुनाव में “चोरी” हुई है।

चुनाव आयोग से मांगा डेटा, नहीं मिला जवाब

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी ने कई बार चुनाव आयोग से मतदाता सूची और संबंधित इलेक्ट्रॉनिक डेटा की मांग की, लेकिन न तो डेटा दिया गया और न ही कोई संतोषजनक जवाब मिला। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए कि वोटर लिस्ट सही है या नहीं। लेकिन वे न तो जवाब दे रहे हैं और न ही डेटा उपलब्ध करा रहे हैं।”

5 महीनों में 5 साल से ज्यादा वोटर जुड़े

राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र में *सिर्फ 5 महीनों में उतने मतदाता जोड़े गए, जितने आमतौर पर 5 वर्षों में जुड़ते हैं। उन्होंने कहा कि *”शाम 5 बजे के बाद मतदान में अचानक भारी उछाल देखा गया। लोकसभा में हमारा गठबंधन पूरी तरह से साफ हो गया, यह बेहद संदिग्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच *एक करोड़ नए वोटर लिस्ट में जोड़े गए, जो संदेह को और गहरा करता है।

’40 हजार वोटरों का कोई पता नहीं’

राहुल गांधी ने मतदाता सूची में कई अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि “ऐसे करीब 40 हजार वोटर हैं जिनके पते या तो ‘शून्य’ दिखाए गए हैं या फिर मौजूद ही नहीं हैं। अलग-अलग नामों और परिवारों से जुड़े लोगों के पते पर जब हमारी टीम पहुंची तो पता चला कि वहां कोई रहता ही नहीं। कई वोटरों की तस्वीरें भी लिस्ट में नहीं हैं और कुछ की फोटो पहचानने लायक नहीं है।”

‘चुनाव आयोग मुझसे डरता है’

चुनाव आयोग के रवैये को लेकर राहुल गांधी ने कहा, “वे मुझ पर सीधा हमला नहीं करते क्योंकि उन्हें पता है कि मैं सच कह रहा हूं। वे बोलते जरूर हैं, लेकिन कोई कदम नहीं उठाते।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा देश की अकेली पार्टी है जो सत्ता-विरोधी लहर से अछूती रही है, जो लोकतंत्र में सामान्य बात नहीं है।

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