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AI की दुनिया में धमाका : 24 वर्षीय युवा AI रिसर्चर ने ठुकराया मेटा का 1000 करोड़ का ऑफर, फिर इतनी बड़ी रकम में जुड़ा जुकरबर्ग की टीम से

नई दिल्ली| आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। अमेरिका के युवा AI वैज्ञानिक मैट डिटके ने पहले सोशल मीडिया और टेक दिग्गज मेटा (Meta) का 1000 करोड़ रुपये का ऑफर ठुकरा दिया था, लेकिन जब मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें मनाने की कोशिश की और ऑफर बढ़ाकर 2200 करोड़ रुपये (करीब 250 मिलियन डॉलर) कर दिया, तब उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।

कौन हैं मैट डिटके?

24 साल के मैट डिटके को AI की दुनिया में एक होनहार और इनोवेटिव रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की पढ़ाई शुरू की थी, लेकिन बीच में ही इसे छोड़कर सिएटल के एलन इंस्टीट्यूट फॉर AI में काम करना शुरू कर दिया। यहीं उन्होंने AI चैटबॉट ‘मोलमो’ के निर्माण में अहम भूमिका निभाई, जिसने उन्हें तकनीकी समुदाय में काफी प्रसिद्धि दिलाई। उनका रिसर्च पेपर NeurIPS 2022 में “आउटस्टैंडिंग पेपर अवॉर्ड” के लिए चुना गया — यह अवॉर्ड AI के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।

मेटा की सुपरइंटेलिजेंस योजना और बढ़ती होड़

AI क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के मकसद से मेटा ने 2024 में मैट डिटके को अपनी सुपरइंटेलिजेंस लैब में शामिल होने का प्रस्ताव दिया। शुरुआत में उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अपने करीबी दोस्तों से सलाह-मशविरा किया। बाद में जब खुद जुकरबर्ग उनसे मिले और पैकेज को दोगुना कर दिया, तो डिटके ने मेटा के साथ जुड़ने का फैसला किया।

डिटके का स्टार्टअप ‘वर्सेप्ट’

नवंबर 2023 में मैट डिटके ने अपना खुद का AI स्टार्टअप “Versapt” लॉन्च किया, जहां फिलहाल 10 लोग काम कर रहे हैं। इस स्टार्टअप में निवेश करने वालों में पूर्व गूगल सीईओ एरिक श्मिट जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। उनकी तकनीकी समझ और नवाचार की क्षमता ने कई दिग्गज कंपनियों का ध्यान खींचा है।

AI इंडस्ट्री में यह ऑफर क्यों बना चर्चा का विषय?

AI की दुनिया में इस तरह का सैलरी पैकेज अब तक बहुत ही दुर्लभ माना गया है। यह न केवल डिटके की प्रतिभा को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि मेटा जैसी कंपनियां AI में आने वाले भविष्य को कितनी गंभीरता से ले रही हैं। जुकरबर्ग के इस कदम से तकनीकी क्षेत्र में और ज्यादा प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है।

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