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शिक्षा और समग्र विकास को लेकर प्रतिबद्ध है सरकार: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि शिक्षा राष्ट्र निर्माण की बुनियाद है, और उनकी सरकार इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने विभाग की गहराई से समीक्षा की और सुधार की दिशा में ठोस पहल की।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के लक्ष्य* को लेकर एक विस्तृत विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है, जिसमें शिक्षा को केंद्रीय भूमिका दी गई है।

शिक्षक वितरण में असंतुलन दूर, अब कोई स्कूल शिक्षकविहीन नहीं

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य में शिक्षक और छात्रों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर है, लेकिन *शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच असंतुलन* बना हुआ था। इसे दूर करने के लिए *युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए।आज छत्तीसगढ़ का कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं है,” मुख्यमंत्री ने कहा।उन्होंने यह भी बताया कि कई वर्षों से बंद पड़े स्कूल, जैसे कि *इरकभट्टी गांव* का विद्यालय, अब दोबारा खुल गए हैं।

इसके साथ ही, राज्य में शिक्षकों की जरूरत को देखते हुए 5000 नए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जा रही है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन, 18 स्थानीय भाषाओं में शिक्षा मुख्यमंत्री ने बताया कि *राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को छत्तीसगढ़ में तत्परता से लागू किया गया है। अब राज्य में 18 स्थानीय भाषाओं और बोलियों में प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। इससे न केवल स्थानीय भाषाओं को संरक्षण मिला है, बल्कि *बच्चों की सीखने की क्षमता भी बढ़ी है।पीएम-श्री स्कूल योजना के तहत छात्रों को हाई-टेक सुविधाएं मिल रही हैं। विद्यालय भवनों के रखरखाव के लिए ₹133 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है और *छात्रावासों की स्थिति सुधारने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

नक्सलवाद से दोहरा मोर्चा: सुरक्षा और विकास की समन्वित रणनीति

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, लेकिन यह भी सच है कि यह राज्य वर्षों से नक्सलवाद की चुनौती झेलता आया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नक्सल समस्या से *सुरक्षा और विकास—दोनों मोर्चों पर एक समन्वित रणनीति के तहत निपटा जाएगा।

सरकार की मुख्यधारा में वापसी की अपील और पुनर्वास प्रयासों के चलते अब तक 1500 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। सुरक्षा बलों के अभियान में कई *सक्रिय नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं। पुनर्वास के लिए ‘नियद नेल्ला नार’ योजना चलाई जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा,नक्सलवाद का स्थायी समाधान केवल सुरक्षा से नहीं, बल्कि शिक्षा, सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के विस्तार से ही संभव है।

बस्तर को मिली वैश्विक पहचान, पर्यटन और सिंचाई क्षेत्र में बड़ी पहल

सीएम साय ने बताया कि बस्तर के धुड़मारास गांव को विश्व के 20 प्रमुख पर्यटन ग्रामों में शामिल किया गया है, जो प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा* दिया है।बोधघाट परियोजना के माध्यम से बस्तर क्षेत्र में 7 लाख हेक्टेयर सिंचाई* सुविधा और 200 मेगावाट बिजली उत्पादन* का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिस पर तेजी से कार्य हो रहा है।

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