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18वां भारत आम महोत्सव: दिल्ली में आमों का रंगारंग मेला, दिग्गजों ने बांटी मिठास, किसानों को मिला सम्मान

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार को तालकटोरा स्टेडियम में 18वें भारत आम महोत्सव का रंगारंग आगाज हुआ। फलों के राजा आम की मिठास और भारतीय किसानों की मेहनत का यह अनोखा संगम सियासत, सिनेमा, साहित्य, कला, विज्ञान, और अध्यात्म जगत की दिग्गज हस्तियों की मौजूदगी से और भी खास बन गया। कानपुर से बीजेपी सांसद रमेश अवस्थी के सौजन्य से आयोजित इस महोत्सव में 300 से अधिक आम की प्रजातियों ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

*आम की महफिल में सितारों का जमावड़ा*

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, केंद्रीय मंत्रियों बीएल वर्मा और रामदास आठवले ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ इस भव्य आयोजन की शुरुआत की। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, भागीरथ चौधरी, सांसद रवि किशन, अरुण गोविल, साक्षी महाराज, संजय सिंह, देवेंद्र सिंह भोले, महेश शर्मा, त्रिवेंद्र रावत, पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और मशहूर कवि डॉ. कुमार विश्वास सहित सैकड़ों नामचीन हस्तियों ने इस महोत्सव में शिरकत की। पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने एक मंच पर आकर आम की मिठास का स्वाद चखा और भारतीय किसानों की मेहनत को सराहा।

*किसानों की मेहनत का सम्मान, आम की विविधता का उत्सव*

भारत आम महोत्सव केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि देश के मेहनतकश आम उत्पादक किसानों को सम्मान और समृद्धि का मंच प्रदान करने वाली एक अनूठी पहल है। इस बार के आयोजन में देश भर से आए उन किसानों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी लगन और मेहनत से आम उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आयोजक रमेश अवस्थी का कहना है, “यह महोत्सव भारतीय आमों को वैश्विक पहचान दिलाने और किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।”

*18 साल का गौरवशाली सफर, वैश्विक मंच पर भारतीय आम*

18 साल पहले कानपुर से शुरू हुआ यह महोत्सव आज एक वैश्विक आयोजन बन चुका है। रमेश अवस्थी की पहल ने न केवल भारतीय आमों की 300 से अधिक प्रजातियों को एक मंच पर लाने का काम किया, बल्कि किसानों को नई तकनीकों, स्टोरेज सुविधाओं और आर्थिक सहायता से जोड़ने का भी बीड़ा उठाया। यह महोत्सव न सिर्फ आम की विविधता को प्रदर्शित करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की एकता और विविधता का संदेश भी देता है।

*किसानों को नई दिशा, शोध और तकनीक का संगम*

भारत आम महोत्सव का उद्देश्य न केवल आमों की मिठास को दुनिया तक पहुंचाना है, बल्कि किसानों को कृषि विश्वविद्यालयों और बागवानी क्षेत्र में हो रहे नवीन शोधों से जोड़ना भी है। यह मंच किसानों को नई तकनीकों और बाजार की संभावनाओं से अवगत कराता है, ताकि उनकी मेहनत और उत्पादन को वैश्विक स्तर पर पहचान मिले।

*भारतीयता का प्रतीक, एकता का उत्सव*

300 से अधिक आम की प्रजातियों का यह अनोखा प्रदर्शन न केवल फलों के राजा की महिमा को दर्शाता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और कृषि विरासत को भी गौरवान्वित करता है। यह महोत्सव देश की आर्थिक तरक्की में किसानों के अतुलनीय योगदान को रेखांकित करता है और दुनिया को भारतीय आमों की मिठास का स्वाद चखने का मौका देता है।

*भारत आम महोत्सव 2025* ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय किसानों की मेहनत, मिठास और गौरव का उत्सव है, जो देश की एकता और समृद्धि का प्रतीक बन चुका है।

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