बिहार में SIR को लेकर सियासत गरम, राकेश टिकैत ने किया समर्थन

पटना/नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। एक ओर जहां विपक्षी दल बिहार से लेकर दिल्ली तक इस प्रक्रिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने SIR का समर्थन कर राजनीतिक पारा और चढ़ा दिया है।
जो बाहर से हैं, उन्हें ही होगी समस्या” – राकेश टिकैतराकेश टिकैत ने एक निजी कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए SIR का समर्थन किया। उन्होंने साफ कहा:जो बाहर से हैं उन्हें समस्या होगी, जो वहां (बिहार) से हैं उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। उनके इस बयान को SIR के विरोध में खड़े विपक्षी दलों के लिए एक चुनौतीपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
क्या है SIR और इसका उद्देश्य?
चुनाव आयोग ने बिहार में 24 जून 2025 से विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू की है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि:सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल होंकिसी भी बाहरी या अपात्र व्यक्ति का नाम *सूची से हटाया जा सकेचुनाव से पहले मतदाता सूची सटीक और पारदर्शी बनाई जा सकेहालांकि, विपक्षी दल इस प्रक्रिया को चुनावी फायदा उठाने की कोशिश बता रहे हैं और इसे चुनाव से पहले जनसंख्या को प्रभावित करने की साजिश करार दे रहे हैं।
किसानों के मुद्दे पर बोले टिकैत, मायावती को बताया ‘नंबर वन मुख्यमंत्री
राकेश टिकैत ने किसानों के मुद्दे पर भी खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि *बसपा प्रमुख मायावती* ने किसानों के लिए सबसे बेहतर काम किया था। उनके शब्दों में:मायावती किसानों के लिए नंबर वन मुख्यमंत्री थीं। उन्होंने खासकर गन्ना किसानों के लिए सराहनीय कार्य किए।टिकैत ने *योगी आदित्यनाथ* को भी सलाह दी कि उन्हें किसानों के हित में और बेहतर काम करके **‘नंबर वन’ बनने की कोशिश करनी चाहिए।