Main Slideराष्ट्रीय

आज होगा GSLV-F16 और NISAR उपग्रह का ऐतिहासिक प्रक्षेपण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पुष्टि की है कि GSLV-F16 और NISAR उपग्रह का बहुप्रतीक्षित प्रक्षेपण आज शाम 5:40 बजे श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा। ISRO ने बयान जारी करते हुए कहा, “GSLV-F16 अपने निर्धारित स्थान पर मजबूती से खड़ा है और NISAR पूरी तरह से लॉन्च के लिए तैयार है।”

यह प्रक्षेपण वैश्विक पृथ्वी अवलोकन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) उपग्रह को भारत के GSLV-F16 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा। यह उपग्रह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी *नासा* और इसरो के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया है।

मुख्य विशेषताएं और उद्देश्य:

वजन: 2,392 किलोग्राम

तकनीक: दोहरी आवृत्ति रडार प्रणाली — L-बैंड (नासा) और S-बैंड (इसरो)

क्षमता: दिन और रात, सभी मौसमों में पृथ्वी की उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजरी प्रदान करने में सक्षम।

NISAR का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिक बदलावों तथा भू-सतही गतियों पर लगभग रीयल-टाइम डेटा उपलब्ध कराना है। इस डेटा का उपयोग न केवल भारत और अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया में आपातकालीन प्रतिक्रिया और नीति निर्माण में किया जा सकेगा।

यह उपग्रह नासा और इसरो के बीच *एक दशक पुरानी रणनीतिक साझेदारी* का प्रमाण है। NISAR मिशन यह दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग कैसे अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपलब्धियों को साकार कर सकता है। इस मिशन की सबसे बड़ी विशेषता इसकी *दोहरी आवृत्ति रडार प्रणाली* है, जिससे यह उपग्रह पृथ्वी की विविध घटनाओं को *अभूतपूर्व सटीकता* से दर्ज कर सकेगा।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close