हरियाणा में ‘लाडो सखी योजना’ की शुरुआत, महिलाओं और बेटियों को मिलेगा सीधा लाभ

तीज के पावन अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने महिलाओं के लिए एक नई पहल ‘लाडो सखी योजना’ की शुरुआत की। अंबाला शहर में आयोजित राज्य स्तरीय तीज समारोह में मुख्यमंत्री ने इस योजना के साथ-साथ कई अन्य महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों का भी शुभारंभ किया। इस दौरान राज्यभर की महिलाओं की बड़ी भागीदारी देखने को मिली।
बेटियों के लिए एक और कदम
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा में वर्ष 2014 में लिंगानुपात 871 था, जो अब बढ़कर 906 तक पहुंच गया है। उन्होंने इसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता का प्रमाण बताया और कहा कि इस दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता और मजबूत होगी। इसी क्रम में लाडो सखी योजना की शुरुआत की गई है।
क्या है ‘लाडो सखी योजना’?
इस योजना के तहत हर गर्भवती महिला को एक ‘लाडो सखी’ नियुक्त की जाएगी, जो उसकी गर्भावस्था के दौरान देखभाल, मार्गदर्शन और स्वास्थ्य निगरानी में मदद करेगी। यह लाडो सखी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर या सहायक नर्स दाई (ANM) हो सकती है | मुख्यमंत्री ने बताया कि बालिका के जन्म पर नामित लाडो सखी को 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना और गर्भवती महिलाओं को आवश्यक सहयोग देना है।
महिला संस्कृति केंद्रों और डिजिटल बाल कार्यक्रम की भी शुरुआत
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सैनी ने हरियाणा भर में 131 महिला संस्कृति केंद्रों का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया। ये केंद्र महिलाओं को गायन, नृत्य, भक्ति गीतों और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए एक मंच प्रदान करेंगे, जिससे उनकी प्रतिभा को पहचान और प्रोत्साहन मिलेगा।
साथ ही, आंगनवाड़ियों में ‘बढ़ते कदम: डिजिटल बाल कार्यक्रम’ की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य बच्चों के प्रारंभिक डिजिटल शिक्षा और समग्र विकास को बढ़ावा देना है।इस राज्य स्तरीय समारोह में हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज, केंद्रीय मंत्री श्रुति चौधरी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली भी मौजूद रहे।