मनसा देवी मंदिर में भगदड़ से मचा हाहाकार: 6 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल, सीएम धामी ने जताया दुख

हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार को सावन माह के चलते भारी भीड़ के बीच भयावह भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 6 श्रद्धालुओं की मौत* हो चुकी है। मृतकों में एक *8 साल का मासूम बच्चा* भी शामिल है, जो उत्तर प्रदेश के *बरेली* से अपने परिवार के साथ दर्शन के लिए आया था। प्रशासन को आशंका है कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें *जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, मंदिर के *पैदल मार्ग पर अचानक एक बिजली का तार टूट कर गिर गया, जिससे वहां मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी* मच गई। बिजली का करंट लगने के डर से लोग इधर-उधर भागने लगे और इसी दौरान धक्का-मुक्की में कई लोग जमीन पर गिर पड़े। पीछे से आती भीड़ ने उन्हें कुचल दिया, जिससे *मौके पर ही कुछ की मौत हो गई* जबकि कई घायल हो गए।
मंदिर परिसर किया गया खाली, राहत-बचाव जारी
हादसे के तुरंत बाद मंदिर परिसर को *पूरी तरह खाली करवा दिया गया। मौके पर एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और बचाव दलों को तैनात कर दिया गया है। घायलों को *अस्पताल में भर्ती* कराया गया है और कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
सीएम धामी ने जताया दुख
इस दर्दनाक घटना पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस तथा अन्य बचाव दल मौके पर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। मैं स्थानीय प्रशासन के निरंतर संपर्क में हूं और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।”
भीड़ नियंत्रण पर उठे सवाल
यह हादसा सावन के पहले सोमवार से पहले हुआ है, जब मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसे में *प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं*। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भीड़ को नियंत्रित करने के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे, और न ही कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया गया था।फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है और *मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।