छांगुर बाबा का काला खेल कैसे हुआ बेनकाब? जानिए पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किए गए छांगुर बाबा और उसके गिरोह के खिलाफ लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। छांगुर बाबा से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारियां हर रोज सामने आ रही हैं। अब एक बड़ा खुलासा हुआ है—आखिर वह कौन-सी चूक थी, जिससे उसका पूरा रैकेट उजागर हो गया?
सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा का भंडाफोड़ सीएम योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर कार्रवाई के बाद हुआ। भारत-नेपाल सीमा से सटे अवैध मदरसों पर जब प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू की, तो छांगुर परेशान हो गया। दरअसल, वह इन अवैध मदरसों में अपने धर्मांतरण गिरोह के सदस्यों को छिपाया करता था। मदरसों की आड़ में छांगुर अपने नेटवर्क को न सिर्फ पनाह देता था, बल्कि वहीं से पूरे ऑपरेशन को संचालित भी करता था।
बुलडोजर एक्शन के चलते जब मदरसों पर कार्रवाई हुई, तो छांगुर के पास कोई नया ठिकाना नहीं बचा। मजबूरी में उसे अपने घर को ही अड्डा बनाना पड़ा। लेकिन यहीं से उसके खिलाफ जांच एजेंसियों का संदेह गहराने लगा। उसके घर पर बढ़ती संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने कार्रवाई शुरू की और धीरे-धीरे पूरा नेटवर्क बेनकाब हो गया।
छांगुर, अवैध मदरसा संचालकों से संपर्क में था और अपने गिरोह के लोगों को ‘इस्लामिक स्कॉलर’ बताकर उनके मदरसों में ठहराता था। इसी बहाने वह गुपचुप तरीके से धर्मांतरण का अभियान चलाता था।
कुछ समय पहले यूपी एटीएस ने 50 हजार रुपये के इनामी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था। जांच में यह भी सामने आया कि उन्हें विदेशों से करोड़ों रुपये की फंडिंग मिलती थी। इतना ही नहीं, छांगुर बाबा गजवा-ए-हिंद के तहत भारत में हिंसक जिहाद के जरिए इस्लामी शासन स्थापित करने की साजिश रच रहा था।यह खुलासा योगी सरकार की सख्त कार्रवाई और एजेंसियों की सतर्कता का नतीजा है, जिससे एक बड़े धर्मांतरण नेटवर्क का पर्दाफाश संभव हो सका।